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सीबीएसई दिल्ली, मानव संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार के तत्त्वावधान में आज सोमवार को पटना डी. वाई पाटिल स्कूल के में क्षेत्रीय विज्ञान प्रदर्शनी का उद्धाटन समारोह सम्पन्न हुआ।समारोह के मुख्य-अतिथि जगदीश बर्मन, रीजनल ऑफिसर, सीबीएसई, पटना प्रक्षेत्र ने अपने वक्तव्य में विद्यालयों को विज्ञान के मंदिर बनने की सलाह दी। जब तक वैज्ञानिक वृत्ति का विकास नहीं होता तब तक हम विकसित देशों की कतार में नहीं आ सकते हैं। सीबीएससी की वैज्ञानिक प्रदर्शनियों के इतिहास में प्रथम बार प्रतिभागियों को क्षेत्रीय अधिकारी ने प्रदर्शनी के नियमों के अनुपालन तथा विज्ञान के द्वारा राष्ट्रसेवा की शपथ भी दिलाई। प्रतिभागी विद्यार्थियों के मॉडलों को देखकर उनका उद्गार था कि बिहार और झारखण्ड में विश्व की सर्वोत्तम मेधा बसती है और अगर इन बच्चों को सुविधाएं और प्रोत्साहन दिया जाय तो संभवतः विश्व के मानस पटल पर ये अपनी वैज्ञानिक खोजों के लिए जाने जा सकते हैं। कार्यक्रम में आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए विद्यालय के निदेशक डॉ सी बी सिंह ने बताया कि झारखण्ड के 37 और बिहार के 36 विद्यालयों की टीमों ने इस प्रदर्शनी में भाग लेकर अपने मॉडलों द्वारा सबको चौंका दिया है। ज्ञातव्य है कि सीबीएससी द्वारा वर्ष 2018-19 में आयोजित होने वाली यह सबसे बड़ी प्रदर्शनी है।
पाटलिपुत्र सहोदय के अध्यक्ष डॉ राजीव रंजन सिन्हा ने इस आयोजन की प्रशंसा करते हुए सी बी एस सी दिल्ली से यह माँग की कि प्रत्येक विद्यालय को क्षेत्रीय विज्ञान प्रदर्शनी में भाग लेने की बाध्यता होनी चाहिये, ताकि विद्यालयों में विज्ञान के प्रति अभिरुचि का विकास हो सके। साथ ही स्पोर्ट्स की क्षेत्रीय प्रतियोगिताओं को भी आवश्यक अंग बनाया जाए। डीएवी पटना प्रक्षेत्र के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ उमाशंकर प्रसाद ने प्रतिभागियों को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विज्ञान को अपनाने पर ज़ोर दिया। उन्होंने आज ली गई शपथ को पूर्णरूपेण अपने जीवन में ढालने की अनुप्रेरणा भी दी। इस कार्यक्रम में स्वागत गान, स्वागत नृत्य के अतिरिक्त कई रोचक कार्यक्रम विज्ञान पर ही आधारित थे, जैसे चाँद पे ज़िन्दगी, अन्तरिक्ष-यात्रा इत्यादि।
इस कार्यक्रम में ज्यूरी के सदस्यों के रूप में नालन्दा कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर, नालन्दा के वैज्ञानिक डॉ एम डी ओझा, आईआईटी, पटना के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ मनोरंजन कर, महावीर कैंसर संस्थान, पटना के चिकित्सक डॉ मुकुल मिश्रा, पटना विश्वविद्यालय, पटना के डॉ रमाकान्त पाण्डेय, शिव हॉस्पिटल, पटना के चिकित्सक डॉ अनीस फखरुद्दीन, एनएसआईटी, पटना के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ रीमा धर समेत बिरला स्कूल, कृष्णा निकेतन, श्रीराम सेंटेंनिअल स्कूल, विद्यानिकेतन गर्ल्स स्कूल, मे फ्लावर, ज्ञानोदय गुरुकुल सहित अनेक विद्यालयों के प्राचार्य भी इस अवसर पर विद्यमान रहे। कार्यक्रम के अंत में डी वाई पाटिल स्कूल की प्राचार्या राधिका ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कल कार्यक्रम का द्वितीय एवं अन्तिम दिवस है। कार्यक्रम में भाग लेने वाले विद्यालय डीएवी भागलपुर, डीएवी दरभंगा, विवेकानंद मिशन स्कूल दाउदनगर, इंडियन पब्लिक स्कूल हाजीपुर, डीएवी स्कूल मुजफ्फरपुर, डीएवी खगौल, सेंट डोमिनिक सवियोज हाई स्कूल पटना समेत अन्य कई विद्यालय हैं।