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प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों में रूबेला खसरा टीकाकरण के दौरान सोमवार को करीब तीन दर्जन छात्र-छात्रा बीमार हो गये। सभी विद्यार्थियों को बेहोशी की हालत में पीएचसी बछवाड़ा में भर्ती करवाया गया। गंभीर स्थिति में कुछ छात्रों को पीएचसी बछवाड़ा ने प्राथमिक उपचार के बाद बेगूसराय रेफर कर दिया। छात्रों के बीमार होने की खबर सुन पुरे क्षेत्र में सनसनी फ़ैल गई वहीँ स्थानीय लोगों का जमावरा पीएचसी में लगने लग गया। बिहार सरकार द्वारा चलाये जा रहे रूबेला खसरा टीकाकरण अभियान के दौरान प्रत्येक विद्यालय में विद्यार्थियों को टीका लगाया जा रहा है, इसी क्रम में सोमवार को उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय गोधना, प्राथमिक विद्यालय बेगमसराय अनुसूचित, मध्य विद्यालय रानी, मध्य विद्यालय सुरो में सोमवार को रूबेला खसरा टीकाकरण टीम पहुंची थी। उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय गोधना में अभियान के तहत टीकाकरण के दौरान ही छात्र-छात्रा बेहोश होने लगे। उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय गोधना के शिक्षक सुनील कुमार ने बताया कि टीकाकरण के दौरान अचानक पल्लवी कुमारी, रूचि कुमारी, ख़ुशी कुमारी, निशा कुमारी, करिश्मा कुमारी, प्रीति कुमारी, रीता कुमारी, ज्योति कुमारी, स्वाति कुमारी, आरती कुमारी, निशा समेत अन्य छात्र-छात्रा बेहोश होने लगे। छात्रों को बेहोश होते देख तत्काल टीकाकरण रोक दिया गया और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बछवाड़ा बात करके एम्बुलेंस मंगवाया गया। इस बीच स्थानीय लोग भी विद्यालय में जुटने लगे और स्थानीय लोगों के मदद से निजी वाहनों से भी बेहोश छात्र छात्राओं को पीएचसी लाया गया। कुछ छात्र-छात्राओं निजी अस्पताल में भी भर्ती करवाया गया। विद्यार्थियों के बेहोशी की खबर सुन पुरे प्रखंड के लोग पीएचसी जुटने लगे। विद्यार्थियों के बेहोशी की खबर से पुरे क्षेत्र में अफरातफरी मच गई। पीएचसी पर अफरातफरी का माहौल देख स्थानीय लोगों ने स्थानीय चिकित्सकों को भी मदद के लिए फोन कर पीएचसी बुलाया जिसमें डॉ विश्वजीत कुमार गौतम, डॉ पी के दास, डॉ गुलजारी अपने सहायकों के साथ पीएचसी पहुंच तत्काल बेहोश छात्र-छात्राओं का इलाज करना शुरू किया। पीएचसी में इलाज के दौरान निशा कुमारी, प्रीति कुमारी, रीता कुमारी, स्वाति कुमारी, निशा कुमारी, मनीषा कुमारी, नेहा कुमारी समेत कई विद्यार्थियो की स्थिति गंभीर देखते हुए तत्काल रेफर किया गया।
नहीं किया गया था उचित व्यवस्था
सरकार के तरफ से चलाये जा रहे रूबेला खसरा टीकाकरण के लिए सभी अस्पतालों और टीकाकरण कर्मियों को निर्देशित किया गया है कि टीकाकरण के दौरान मौके पर एम्बुलेंस, चिकित्सक मौजूद रहेंगे लेकिन प्रखंड क्षेत्र में विद्यालयों में रूबेला खसरा टीकाकरण के लिए सिर्फ एएनएम को भेज दिया जाता है। साथ ही जब विद्यालयों में छात्र बेहोश होने लगे और उन्हें पीएचसी लाया गया उस समय पीएचसी में न तो पर्याप्त चिकित्सक थे और न ही एम्बुलेंस में ऑक्सीजन की व्यवस्था। बेहोश छात्र छात्राओं की स्थिति और पीएचसी में चिकित्सकों की कमी को देखते हुए स्थानीय लोगों ने स्थानीय चिकित्सकों को फोन कर पीएचसी बुलाया। स्थानीय चिकित्सकों ने पीएचसी पहुंच जब इलाज करना शुरू करना तब जा कर माहौल कुछ स्थिर हुआ।
आक्रोशित हो रहे थे स्थानीय लोग
टीकाकरण के दौरान छात्रों के बेहोश होने के बाद जब उन्हें पीएचसी लाया गया तो पीएचसी में उचित व्यवस्था न देख कर परिजन और स्थानीय लोग आक्रोशित होने लगे। परिजनों और स्थानीय लोगों का कहना था कि जब उचित व्यवस्था नहीं है तो फिर टीकाकरण का कार्य शुरू कैसे कर दिया गया। नाराज परिजनों और स्थानीय लोगों को अधिकारीयों और जनप्रतिनिधियों ने समझा कर शांत किया।
तत्काल मदद के लिए आए स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधि
विद्यालय में रूबेला खसरा टीकाकरण के दौरान बच्चों के बेहोश होने की खबर सुन पीएचसी पर स्थानीय लोगों और पुरे प्रखंड के जनप्रतिनिधियों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया। पीएचसी में जुटे सभी लोग बेहोश छात्रों और उनके परिजनों की मदद में जुट गये। पूर्व जिला परिषद सदस्य रामोद कुंवर, प्रमिला सहनी, प्रखंड उपप्रमुख सुशील कुमार राय उर्फ़ मल्ली राय, प्रखंड प्रमुख मंजू कुमारी, प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि मुकेश कुमार, रानी-03 पंचायत के मुखिया अमरजीत राय उर्फ़ कुकन राय, चिरंजीवीपुर पंचायत के पूर्व पंसस रामानंद साह, रानी एक पंचायत के पंसस सिकंदर कुमार, राजद जिला सचिव अरुण यादव, समाजसेवी प्यारे दास, रमाकांत ईश्वर, बिट्टू सिंह समेत दर्जनों स्थानीय लोगों ने बीमार छात्रो के इलाज में मदद किया।
टीकाकरण के लिए गये एएनएम को विद्यालय में बनाया बंधक
टीकाकरण के दौरान छात्रों के बेहोश होने के बाद स्थानीय लोगों का आक्रोश उमड़ पड़ा और उन्होंने टीकाकरण के लिए आए एएनएम बिजली कुमारी, उषा कुमारी एवं मीरा कुमारी को विद्यालय के ही कमरे में बंद कर दिया। पीएचसी में छात्रों का इलाज और सुधार होते देख बाद में बछवाड़ा थाना के एसआई उपेंद्र कुमार सिंह बाद में विद्यालय पहुंच कर ग्रामीणों को समझा कर बंधक बनाए गये एएनएम को मुक्त करवा कर पीएचसी लाया।
पहुंचे वरीय पदाधिकारी
घटना की सुचना पर तत्काल बछवाड़ा थानाध्यक्ष परशुराम सिंह, एसआई उपेंद्र कुमार सिंह, एसआई अरविंद कुमार सिंह, एसआई वीरेंद्र कुमार गुप्ता समेत बछवाड़ा थाना पुलिस बल पीएचसी पहुंच कर आक्रोशित ग्रामीणों और परिजनों को समझा बुझा कर शांत रखा। घटना की सुचना पर एसडीपीओ आशीष आनंद, बीडीओ डॉ विमल कुमार, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी संगीता कुमारी, डीआईओ हरेराम प्रसाद सिंह, एसीएमओ डॉ वीरेश्वर प्रसाद समेत अन्य पीएचसी पहुंच कर मामले में जानकारी ली एवं सुनिश्चित की कि सभी छात्रों का इलाज सही ढंग से हो।
कहते हैं प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी
मामले में प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी ए के साह ने बताया कि छात्रों के बेहोश होने के कारणों का बिना जाँच के कुछ भी बता पाना मुश्किल है क्योंकि यह अभियान पुरे बिहार में चल रहा है। इस वैक्सीन को देने के बाद साधारण सिम्पटम हो सकता है या बच्चे के डर जाने के कारण भी इस तरह की बातें हो सकती हैं। जब तक इस बात का पूरा छानबीन नहीं कर लिया जाता तब तक ये नहीं कहा जा सकता है कि वैक्सीन में कोई गडबडी थी। यहां भी यह टीकाकरण कई जगह हो चूका है लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है। उनसे पूछने पर कि रूबेला खसरा टीकाकरण के दौरान विशेष चिकित्सकों की टीम भी मौजूद रहेगी लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है पर उन्होंने कहा कि विशेष चिकित्सकों की टीम उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण टीकाकरण के दौरान विशेष चिकित्सकों की टीम मौजूद नहीं थी।