
बिहार ब्रेकिंगः सवर्ण आरक्षण को लेकर देश की सियासत गर्म है। सवर्ण समुदाय की ओर से लगातार यह मांग उठने लगी है कि उन्हें आरक्षण दिया जाए। राजनीतिक खेमों में इसे लेकर अलग-अलग राय है। और सवर्ण आरक्षण को लेकर आने वाले राजनीतिक बयानों की वजह से राजनीति में गर्माहट पैदा हो रही है या यूं कहे कि इस वजह से राजनीति में खासी हलचल है। सवर्ण आरक्षण को लेकर अब बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चैधरी का एक बयान सामने आया है। चैधरी ने एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि जो नेता सवर्ण आरक्षण की वकालत कर रहे हैं वे पाॅलिटिकल सुसाईड कर रहे हैं। दरअसल उदय नारायण चैधरी के इस बयान को पूर्व सीएम जीतन राम मांझी पर भी हमला माना जा रहा है क्योंकि पूर्वी सीएम और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने गरीब सवर्णों को 15 फीसदी आरक्षण देने की वकालत की थी।मांझी उनकी पार्टी की तरफ से गरीब सवर्णों के लिए आरक्षण की वकालत किए जाने पर लोकतांत्रिक जनता दल के नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चैधरी ने मोर्चा खोल दिया है। चैधरी ने कहा है कि सत्ता और राजनीति के कारण दलित समाज से आने वाले नेता सवर्णों के लिए आरक्षण की वकालत कर रहे हैं। यह दलितों के साथ बेईमानी के अलावा और कुछ भी नहीं।
उदय नारायण चैधरी ने रामविलास पासवान और रामदास अठावले के साथ-साथ जीतन राम मांझी को भी कटघरे में खड़ा करते हुए कहा की सवर्ण आरक्षण की बात कर यह नेता अपनी राजनीतिक आत्महत्या कर रहे हैं।दो दिन पहले राष्ट्रीय परिषद की बैठक में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर ने आर्थिक आधार पर गरीब सवर्णों के लिए 15 फीसदी आरक्षण को जायज ठहराया था। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने खुद कहा था की संविधान में गरीब सवर्णों के लिए भी आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए।
