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जनता दल यू के वरिष्ठ नेता सह पार्टी के पटना महानगर प्रभारी ई. शम्भूनाथ सिन्हा ने एक भाजपा विधान पार्षद द्वारा जनता दल पर गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने के आरोप को अनैतिक करार देते हुए कहा है कि शायद उन्हें गठबंधन धर्म के वास्तविक अर्थ का ज्ञान ही नहीं है। सिन्हा ने कहा कि जनता दल यू जिस तरह से गठबंधन धर्म का पालन कर रहा है, शायद भारत की राजनीति में एक जीवंत मिसाल है। इसके विपरीत भाजपा के कुछ नेताओं की ओछी बयानबाजी से न सिर्फ सभी मर्यादाओं का उल्लंघन हो रहा हैं, बल्कि गठबंधन के विश्वास धर्म पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा हो रहा है। सिन्हा ने कहा कि जदयू हमेशा से गठबंधन धर्म का बेहतर तरीके से पालन करता आया है, वह चाहे एनडीए की गांधी मैदान की रैली हो या लोकसभा चुनाव में कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी अथवा राज्य मंत्रिमंडल में भाजपा के समुचित एवं मजबूत भागीदारी की बात हो। इसके विपरीत बिहार को विशेष राज्य का दर्जा के मुद्दे, पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने एवं केंद्रीाय मंत्रिमंडल में जदयू की उचित भागीदारी का मामला हो, भाजपा ने ही गठबंधन धर्म को कमजोर करने का प्रयास किया है।
इसके बावजूद नीतीश कुमार के नेतृत्व में जनता दल यू ने हमेशा आगे बढ़कर असमानता को पाटने का काम किया है। सभी वर्गों एवं धर्मों की ताकत बनना यह जदयू का मूल मंत्र है। इससे कभी समझौता नहीं किया जा सकता है। सिन्हा ने कहा कि लोकसभा में संसदीय दल का नेता, विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष और पार्टी में राष्ट्रीय प्रधान महासचिव का पद देकर नीतीश कुमार ने उस कमी को पूरा करने का प्रयास किया है, जिस वर्ग के लोगों ने भाजपा के लिए अपनी जान की बाजी लगायी थी और आज भाजपा में वे हाशिये पर खड़े नजर आ रहे हैं। उसी प्रकार अल्पसंख्यक समुदाय के हित में उनकी आवाज को ताकत देना यह जनता दल यू की ही नहीं बल्कि गठबंधन की भी नैतिक जिम्मेदारी है, जिसे जनता दल यू बखूबी समझता है और यही गठबंधन धर्म है। अत: भाजपा नेतृत्व से आग्रह है कि ऐसे बयानवीरों पर उचित कार्रवाई करे।