
बिहार ब्रेकिंग-रविशंकर शर्मा-बाढ़

भीषण गर्मी से सिर्फ इंसानों प्राण ही नही बल्कि पशु पक्षियों और जलीय जीवों के प्राण भी लेने लगे हैं। अमूमन ये माना जाता है कि मौसम का दुष्प्रभाव इंसानों की अपेक्षा पशु पक्षी अधिक झेल सकते हैं। परन्तु प्रकृति के साथ मानवीय खिलवाड़ ने हमे उस स्तर तक ले आया है कि इंसान तो असमय काल के गाल में समा ही रहे हैं अब पशु पक्षी भी सुरक्षित नही रहे। बेगूसराय के कावर झील के सूखने से सैकड़ों मछलियों के प्राण चले गए तो ताजा मामला पटना ग्रामीण के खुशरूपुर का है जहाँ सौ से अधिक कबूतरों के प्राण पखेडू हो गए।
45° डिग्री की चिलचिलाती धूप में लू का शिकार होकर इंसान से लेकर पशु पक्षी और जलीय जीव भी दम तोड़ रहे हैं। कुछ ऐसा ही ताजा मामला खुसरूपुर प्रखंड अंतर्गत बैकठपुर मंदिर से जुड़ा है। जहां मंदिर पर सनातन काल से अपना आशियाना बनाकर मंदिर के चारो ओर आसपास के लोगो को गुटर गूँ की मधुर आवाज देने वाले करीब 100 से भी अधिक कबूतरो ने एक सप्ताह के भीतर दम तोड़ दिया है। इसका पता मंदिर परिवार को तब लगा जब मरे हुए कबूतरों ने दुर्गंध देने शुरू कर दिए। इसके बाद लोगों ने मंदिर के छत पर चढ़ कर देखा तो पाया कि दर्जनों कबूतर मरे पड़े हैं। जो दुर्गंध दे रहे हैं। जिसके बाद सभी मरे पड़े कबूतरों को फेंका गया। वहीं आसपास के कुछ लोगों ने दम तोड़ चुके सैंकड़ो कबूतरों के मौत का आरोप न्यास समिति पर लगाते हुए कहा कि इनके लिए न्यास समिति की ओर से न भोजन और ना ही पीने की पानी का प्रबंध किया गया जिसके कारण दो तीन दिन में करीब 100 कबूतरों की मौत हो गयी है। आज सरकार बेशर्मी के साथ इतनी मौतों के बाद एडवाईजरी जारी करती है,कई जिलों में धारा 144 तक लगा दिया जाता है दिन में बाजार और मजदूरों के कार्य को बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। अगर मौसम विभाग से संपर्क कर ये सब पहले हो जाता तो शायद ये मौतें देखने को न मिलती।