
बिहार ब्रेकिंग-रविशंकर शर्मा-बाढ़

मुजफ्फपुर की घटना से सूबे के लोग अभी उबर भी नही पाये थे कि बक्सर, चंपारण, बेगूसराय, गया, नवादा, जहानाबाद से स्वास्थ्य विभाग की कलई खुल कर सामने आने लगी। और आज राजधानी पटना जिले की सूरते हाल भी जान लीजिए। ताजा जानकारी के अनुसार बाढ़ अनुमंडलीय अस्पताल में एक महिला ने सिर्फ आक्सीजन के आभाव के चलते दम तोड़ दिया।
प्राप्त सूचना के अनुसार ऑक्सीजन नहीं होने से गर्भवती महिला की मौत हो गई। बाढ़ पंडारक थाना क्षेत्र के पंडारक निवासी एक गर्भवती महिला के अनुमंडलीय अस्पताल में ऑक्सीजन नहीं होने के कारण मौत के बाद परिजन भड़क गए और हंगामा शुरू कर दिया। इस संबंध में जानकारी देते हुए मृतका के परिजनों ने बताया कि मृतका गर्भवती थी। एकाएक दर्द होने के बाद उसे बाढ़ अनुमंडल अस्पताल में लाया गया जहां उसे साँस लेने में भी परेशानी होने लगी और ऑक्सीजन की तत्काल जरूरत थी। परिजनों की माने तो अनुमंडलीय अस्पताल में ऑक्सीजन नहीं होने के कारण मृतका ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया।
हालांकि अस्पताल कर्मियों ने बहाने बनाना शुरू कर दिया उनका कहना है कि अस्पताल में ऑक्सीजन मौजूद था और मृतका की मौत का कारण कुछ और है। लेकिन क्या कारण है ये बताने से कतरा के निकल गए। और अब पोस्टमार्टम के बाद मौत के कारणों का खुलासा हो पायेगा। वस्तुतः ये स्वास्थ विभाग के संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या अस्पताल लोग पोस्टमार्टम कराने के लिये मरीज को लेकर जाते है? वस्तुतः आज एक महिला ने नही, न ही मुजफ्फपुर समेत पूरे सूबे के बच्चे और निर्दोष नागरिक ने दम तोड़ा है और तोड़ रहे हैं बल्कि सच्चाई तो ये है कि सरकार चाहे जितना बहाने बना ले, आज इस सिस्टम ने, स्वास्थ्य विभाग ने और नीतीश सरकार ने दम तोड़ा है।