
बिहार ब्रेकिंग-राकेश यादव-बेगूसराय

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जनसंपर्क के लिए बछवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के दियारे इलाके में जो भी उम्मीदवार या राजनीतिक दल के कार्यकर्ता जाते हैं खुश हो कर लौटते हैं कि ये क्षेत्र तो अपना ही है। जबकि सच्चाई कुछ अलग ही बयां कर रही है। दियारे क्षेत्र के सभी पांच पंचायत में अधिकतम वोटर वामपंथी विचारधारा के हैं। लेकिन शेष बचे आबादी को परखने में सभी राजनीतिक दल गच्चा खा जाते हैं। इन क्षेत्रों में पंचायत चुनाव पर गौर किया जाए तो त्रिस्तरीय सदनों में वामपंथ का ही दबदबा रहा है। लेकिन बावजूद इसके जब लोकसभा चुनाव के लिए अन्य राजनीतिक दल के कार्यकर्त्ता या नेता भी जब इस क्षेत्र में पहुंचते हैं तो उनके स्वागत में भारी भीड़ खड़ी मिलती है। इस भारी भीड़ को देखने के बाद नेताजी खुश हो कि लौटते हैं कि क्षेत्र तो अपना ही है। लेकिन उन्हें ये पता नहीं है कि भीड़ के वही चेहरे दूसरे दल के नेता के साथ भी नजर आते हैं। एक कार्यकर्ता ने बताया कि उम्मीदवार द्वारा गांवों में आने से पूर्व विभिन्न जगहों पर अपने स्वागत के लिए लोगों को खड़े रहने के लिए कहा जाता है। थोड़ा बहुत खर्च करने पर ये व्यवस्था हो भी जाता है और लोग फूल माला लेकर नारा-जयकारा भी लगाते हैं।
दियारा क्षेत्र के पंचायत समिति सदस्य ओमप्रकाश, श्रीकांत पासवान, अनिल कुमार समेत अन्य जनप्रतिनिधि एवं लोग बताते हैं कि चुनाव के समय बरसाती मेंढक की तरह नजर आने वाले नेता किराए पर लोगों को इकट्ठा करते हैं जबकि वामदल हमेशा कार्यालय खोल कर लोगों की सेवा के लिए बैठी है। वहीं दादुपुर की मुखिया गीता शर्मा ने बताया कि दियारा क्षेत्र के श्रवणटोल से लक्ष्मणटोल तक के सभी वामपंथी कैडर एक साथ कदमताल करने के लिए तैयार बैठे हैं। कुल मिलाकर जब दियारा क्षेत्र का गणित देखा जाता है तो है वामपंथ आगे दिखाई दे रहा है। हालांकि मतगणना से पहले कुछ भी निर्णय करना और कहना उचित नहीं है। फिलहाल इंतजार है मतदान का और फिर मतगणना का।