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महागठबंधन में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सीटों के बंटवारे में आपसी मतभेद परत दर परत बाहर निकलने लगी है। रांची के रिम्स में लालू प्रसाद यादव से यादव के साथ जब मुकेश सहनी और उपेंद्र कुशवाहा मुलाकात कर लौटे तो बोले थे महागठबंधन में सब ठीक है लेकिन क्या ठीक है और क्या ठीक नहीं है इसका खुलासा महागठबंधन के नेताओं ने ही करना शुरू कर दिया है। सीट बंटवारे से जहां उपेंद्र कुशवाहा संतुष्ट नजर आ रहे हैं वहीँ हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) असंतुष्ट दिख रही है और हम ने साफ कर दिया है कि उपेंद्र कुशवाहा से कम सीट बिल्कुल नहीं चलने वाली। सीट बंटवारे पर जहां हम के तरफ से कहा गया कि मांझी एक मंजे खिलाडी हैं, उन्हें बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता है। वहीं दूसरी तरफ तेजप्रताप के पाटलिपुत्रा सीट से मिसा भारती के चुनाव लड़ने की घोषणा के साथ ही राजद के वरिष्ठ नेता भाई वीरेंद्र नाखुश से नजर आने लग गये। इस सीट पर अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे भाई वीरेंद्र। भाई वीरेंद्र की इस सीट पर दावेदारी की बात जब राजद सुप्रीमो के अग्रज पुत्र और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप के कानों तक पहुंची तो उन्होंने साफ साफ शब्दों में भाई वीरेंद्र को उनकी औकात दिखाते हुए टिकट का ऐलान अपनी बहन मिसा भारती के नाम कर दी। तेजप्रताप की यह हरकत भाई वीरेंद्र को नागवार गुजरी और ऐसा कयास लगाया जाने लगा कि राम कृपाल यादव की ही तरह राजद एक और शागिर्द खोने को है। तब इस मामले को सेट करने के लिए लालू के छोटे पुत्र तेजस्वी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को बीच में आना पड़ा। हालांकि राबड़ी से मिलने के बाद भाई वीरेन्द्र के तेवर थोड़े नरम जरुर थे तो वहीं दूसरी तरफ तेजस्वी ने कहा कि पाटलिपुत्रा सीट से चुनाव कौन लड़ेगा इसका फैसला राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव करेंगे तो वहीं भाई वीरेंद्र ने कहा कि गलतफहमी हो गई थी, लालू जी जिसे टिकट देंगे वही पाटलिपुत्रा का उम्मीदवार होगा। साथ ही भाई वीरेंद्र ने यह भी जता दिया कि उनके स्वाभिमान को छेड़ा नहीं जाना चाहिए।