
दुनिया भर के लोग भारत को पसंद करते हैं। यहां की संस्कृति यहां के खानपान के पूरी दुनिया में लोग दीवाने हैं। इन दीवानों में तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा भी है। दलाई लामा ने कहा है कि भारत के पकवानों को खाकर उनका शरीर चलता है इस लिहाज से वे भारत के बेटे हैं। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल आप किस कारण से खूद को भारत के बेटे के रुप में देखते है का बड़ा ही दिलचस्प जवाब दिया है। चीनी और अमेरिकी मीडिया द्वारा पूछे गए इस सवाल का जवाब देते हुए दलाई लामा ने कहा कि मेरा दिमाग नालंदा के विचारों से भरा है और मेरा शरीर भारतीय व्यंजन खाकर चल रहा है। इसलिए शारीरिक और मानसिक रूप से मैं इस देश से हूं और इस तरह मैं भारत का बेटा हुआ।13वें दलाई लामा ने 1912 में तिब्बत को स्वतंत्र घोषित कर दिया था, लेकिन 14वें दलाई लामा के चुनने की प्रक्रिया के दौरान चीन के लोगों ने तिब्बत पर आक्रमण कर दिया। तिब्बत को इस लड़ाई में हार का सामना करना पड़ा। वहीं, कुछ सालों बाद अपनी संप्रभुता की मांग उठाते हुए तिब्बत के लोगों ने भी चीनी शासन के खिलाफ विद्रोह कर दिया, हालांकि विद्रोहियों को इसमें सफलता नहीं मिली। जब दलाई लामा को लगा कि वह चीनी चंगुल में बुरी तरह से फंस जाएंगे, तब उन्होंने भारत का रुख किया।
