-सुमित कुमार बेगूसराय

बिहार ब्रेकिंगः बिहार के बेगूसराय का बहुचर्चित सिमरिया धाम इन दिनों साहित्य महाकुंभ की वजह से रोशन है। यहा आने वाले लोग साहित्य के महाकुंभ में गोते लगा रहे हैं और मोरारी बापू जैसे महान कथा वाचक की राम कथाओं को सुनकर भावविभोर हो रहे हैं।सिमरिया धाम में साहित्य महाकुंभ के अवसर पर आयोजित नौ दिवसीय श्री राम कथा के तीसरे दिन कथा कार मुरारी बापू ने कथा कि शुरुआत की ।बेगूसराय के सिमरिया गंगा तट पर आयोजित श्री राम में कथा श्रवण करने भारत के आलावे दुसरे देश के महिला पुरुषों भी राम कथा का श्रवण कर भावविभोर हुआ ।कथा प्रारंभ में कथा कार मुरारी बापू ने स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद का आज जन्मदिन है उन्होंने महामहिम राष्ट्रीय चेतना को नमन किया ।
और बिहार और पूरे राष्ट्र को जन्मदिन की बधाई दी।उन्होंने कहा कि कि मेरी दृष्टि में भारत की स्वतंत्रता भारत की अध्यात्म कई क्षेत्रों में बिहार का योगदान है ।इतिहास गवाह है कि क्षेत्रीय विभाग,राजकीय विभाग, संस्कृति विभाग,साहित्य विभाग सहित अन्य विभाग में इस भूमि का बड़ा योगदान रहा है ।इस प्रदेश में तीन करुणा है एक करुणा मां जानकी,जो यहां प्रकट हुई ।श्तेही अवसर करुणा मयी छायीष् दूसरी करुणा उत्तर वाहिनी भगवती गंगा बह रही है ।कथा के दौरान गंगा को स्वक्ष रखने का अपील किया ।तीसरी धारा बुद्ध की करुणा उन्होंने बुद्ध की करुणा को किसी कारण बस कठोरता में ना परिणति हो जाय ।कवि पर बोलते हुये कहां कि जगत-गुरु शंकराचार्य अनादि कवि थे,वाल्मीकि आदि कवि,तुलसी प्रसादी कवि और दिनकर आजादी कवि थे।बिलकुल सत्ता के निकट भी रहे और सत्ता के बीच में रहे फिर भी लिखते रहें ।कवि की भूमि पर उसी को स्मरण हो रहा है ।जहां दिनकर की पुरा साहित्य है ।