
बिहार ब्रेकिंगः बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने एक ट्वीट किया और लिखा कि कुछ लोग शहीद बनना चाह रहे हैं। ट्वीट में किसी नाम का जिक्र नहीं है लेकिन इसे रालोसपा अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा पर हमला समझा गया। कल उपेन्द्र कुशवाहा ने इस ट्वीट के जवाब में ताबड़तोड़ कई ट्वीट कर दिये। उपेन्द्र कुशवाहा जब इस तरह से सुशील मोदी से भिड़ गये तो यह तय माना जाने लगा कि अब बीजेपी के साथ उपेन्द्र कुशवाहा का पाॅलिटिकल ब्रेकअप लगभग तय है। लंबे समय से बिहार में चला आ रहा यह पाॅलिटिकल ड्रामा अपने पटाक्षेप की ओर बढ़ता नजर आया। बिहार के जो मौजूदा सियासी हालात हैं और जो संकेत मिल रहे हैं उससे भी यह स्पष्ट है कि उपेन्द्र कुशवाहा का एनडीए से जाना तय है। कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार से टकराव की वजह से वे एनडीए में अलग-थलग पड़े हैं। बीजेपी ने तरजीह देना बंद कर दिया है और सबसे बड़ी वजह है इस पाॅलिटिकल ब्रेकअप की वो यह है कि एनडीए को नीतीश कुमार का फेस पसंद है जबकि उपेन्द्र कुशवाहा एनडीए में रहकर नीतीश कुमार से टकराते रहे हैं।

ऐसे मामलों में नीतीश कुमार क्या करते हैं यह समझना मुश्किल नहीं है। नीतीश कुमार का राजनीतिक इतिहास यह बताता है कि किसी भी राजनीतिक खेमे में वो अपनी शर्तों पर रहे हैं। जब पहले एनडीए में रहे तो न सिर्फ जदयू बल्कि पूरे बिहार में एनडीए के प्रचार में कौन शामिल नहीं होगा यह वही तय करते रहे। महागठबंधन मंे रहे तो महागठबंधन के फैसले के खिलाफ जाकर एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार का समर्थन किया, नोटबंदी का समर्थन किया। इसलिए बहुत आसान है समझना की उपेन्द्र कुशवाहा की जगह अब एनडीए में नहीं है। इधर आमतौर पर इशारों में हाल-ए-दिल बयां करने वाले उपेन्द्र कुशवाहा अब खुलकर बोलने लगे हैं। अपनी किसी भी गविविधि का वो एलान कर रहे हैं। उपेन्द्र कुशवाहा को यह दो ट्वीट बताता है कि उपेन्द्र कुशवाहा शहादत की तैयारी कर रहे हैं इसलिए वेे बहुत कुछ खुलकर बोलने लगे हैं।
पहला ट्वीट उन्होंने किया जिसमें उन्होंने लिखा कि ‘ अभी मैं पटना से दिल्ली जा रहा हूं। कल बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मिलकर सीट शेयरिंग पर बातचीत करने का प्रयास करूंगा। शब्दों पर गौर करें तो प्रयास करूंगा वाला शब्द बहुत कुछ कह जाता है। उपेन्द्र कुशवाहा क्या वाकई यही दिखाना चाहते हैं कि वे प्रयास कर रहे हैं या उन्होंने प्रयास किया और बीजेपी ने उनके प्रयासों को नजरअंदाज किया, और एनडीए से अलग होने का यही कारण है। दरअसल यह शहादत की सियासत है और संभवतः उपेन्द्र कुशवाहा यह बताना चाह रहे हैं कि बीजेपी उन्हें अपमानित कर रही है और इसी कथित अपमान को उपेन्द्र कुशवाहा अपने सियासी फायदे के लिए आगे भुनाएंगे! अपने दूसरे ट्वीट में भी उन्होंने अपनी दूसरी राजनीतिक गतिविधि की जानकारी सार्वजनिक की। उन्होंने लिखा कि ‘दिल्ली पहुंचकर मैंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से कल मुलाकात के लिए समय निर्धारण हेतु उनके कार्यालय प्रभारी को सूचित कर दिया है।’ जाहिर यह तैयारी शहादत की हीं है कोशिश यह संदेश देने की है कि बेआबरू होकर हमें उनके कूचे से निकलना पड़ा।