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बिहार में चल रही भूमि सर्वे में रैयतों को बड़ी राहत देते हुए नीतीश कैबिनेट ने नियमावली में संशोधन किया है। बिहार सरकार ने जमीन सर्वे में अपने कागजात और स्व घोषणा पत्र देने की अवधि 180 कार्य दिवस कर दी है। उसी तरह मानचित्र सत्यापन की अवधि 90 और आक्षेप प्राप्ति की अवधि 60, आक्षेप निपटारे की अवधि 60 और अधिकार अभिलेख का अंतिम प्रकाशन के उपरांत उस पर दावा दायर करने की अवधि को 90 दिनों के लिए विस्तार कर दिया है।
मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार कैबिनेट की अहम बैठक हुई। इस बैठक में 33 प्रस्तावों पर मुहर लगी। इसके तहत भूस्वामियों को बड़ी राहत देते हुए जरूरी डॉक्यूमेंट जमा करने की टाइम लिमिट बढ़ा दी गई है। बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त अधिनियम 2011 के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में खतियान और मैप तैयार किया जा रहा है। इस प्रोसेस को सुचारू और पारदर्शी बनाने के लिए बिहार विशेष सर्वेक्षण और बंदोबस्त नियमावली 2024 को मंजूरी दी गई है।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने बताया कि राज्य में बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त अधिनियम 2011 यथा संशोधित 2013 और 17 के प्रावधानों के तहत राज की ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित रायटी एवं अन्य प्रकार की भूमिका नया अधिकार अभिलेख यानी खतियान एवं नक्शा तैयार किया जा रहा है यह कार्य सुचारू तरीके से और पारदर्शी हो सके इसके लिए बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त नियमावली 2024 स्वीकृत की गई है। इसी नियमावली में उक्त प्रविधान किए गए हैं।