
बिहार ब्रेकिंग डेस्क

सूबे के स्वास्थ्य एवं कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उनके राज में राशन सड़ता रहता था। गरीबों के बच्चे भूख से बेहाल रहते थे और कांग्रेस अनाज के गोदामों पर ताला लगाकर बैठ जाती थी। कांग्रेसी बिचौलिए उसका भी सौदा करके अपना महल खड़ा करते थे। मगर आज आदरणीय पीएम नरेंद्र मोदी जी ने सारे अनाज गोदामों के ताले खुलवा दिए और देश में मुफ्त अनाज की योजना चल रही है। कांग्रेस समेत पूरा इंडी गठबंधन गरीब विरोधी है। वो गरीब, पिछड़ों, दलितों के आरक्षण में डाका डालकर उसे धर्म के आधार पर वर्ग विशेष को देना चाहती है। चुनाव में हार के डर से कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति को हवा दे रही है। अब केंद्र की जन कल्याणकारी योजना का नकल कर अनाज देने का झूठा झांसा, गरीबों को गुमराह करने की एक और योजना है।
पांडेय ने कहा कि यूपी में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व अखिलेश यादव ने इंडी गठबंधन का साझा प्रेस कॉंफ्रेंस कर अपनी हार स्वीकार ली। चार चरणों के चुनाव बाद आखिर कांग्रेस अध्यक्ष को मुफ्त अनाज देने की याद क्यों आ गयी। पीएम मोदी की सबसे भरोसेमंद गारंटी एवं गरीब कल्याणकारी योजनामों में शुमार मुफ्त अन्न योजना की गारंटी इतनी पक्की है कि कांग्रेस ने भी उसे स्वीकार कर लिया। मुफ्त अनाज की बढ़ोतरी का वादा करना कांग्रेस की मजबूरी व बेवसी साबित कर गया। कांग्रेस अक्सर झूठे वादों के सहारे सत्ता हथियाने की कोशिश में लगी रही है। मगर देश की जनता जानती है कि 2020 से दी जाने वाली मुफ्त अन्न योजना पीएम मोदी ने आगे भी जारी रखने का ऐलान किया है। जनता अपने भरोसेमंद पीएम नरेंद्र मोदी जी के वादे के साथ खड़ी है।
पांडेय ने कहा कि हमारी मोदी सरकार ने बीते 10 वर्षों में गरीब, महिला, युवा एवं आदिवासी भाई-बहनों के उत्थान, गौरव व सम्मान के लिए ईमानदार प्रयास किए हैं। पूरा हिन्दुस्तान कह रहा है कि मजबूत भारत के लिए मजबूत सरकार और मजबूत सरकार के लिए मोदी सरकार। मोदी जी तो गरीबी का जीवन जीकर आए हैं। इसलिए 10 वर्षों में गरीब कल्याण की हर योजना की प्रेरणा मोदी जी के जीवन के अनुभव से है। जब आज मोदी जी लाभार्थियों से मिलते हैं तो ख़ुशी के मारे आंसू आ ही जाते हैं। चौथे फेज के बाद इंडिया गठबंधन परास्त हो चुका है। उन्होंने अपनी हार स्वीकार कर ली है। खरगे ने जो वादा किया कि हम सत्ता में आए तो गरीबों को 5 की जगह 10 किलो राशन देंगे। ये कांग्रेस की एक और झूठ व हार की हताशा है।