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लोक जनशक्ति पार्टी में चाचा भतीजे की लड़ाई चरम पर है। मामला अब चुनाव आयोग तक पहुंच गया है। चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस दोनों चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटा चुके हैं और पार्टी पर अपनी-अपनी दावेदारी जता चुके हैं। शुक्रवार की शाम पशुपति कुमार पारस कैंप ने नेता संजय सर्राफ वकीलों के साथ चुनाव आयोग पहुंचे. पारस कैंप ने आय़ोग को पत्र देकर कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक गुरूवार को पटना में हुई थी जिसमें पशुपति कुमार पारस को नया अध्यक्ष चुना गया है।
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चुनाव आयोग उन्हें मान्यता दे और पारस के नेतृत्व वाली पार्टी को ही लोक जनशक्ति पार्टी माना जाये। हालांकि उससे पहले चिराग पासवान अपने सहयोगियों के साथ चुनाव आयोग को जाकर ज्ञापन दे चुके थे। चिराग ने अपने ज्ञापन में लिखा है कि कुछ लोग अवैध तरीके से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर दावेदारी कर रहे हैं। वे चुनाव आयोग आकर गलत दावा कर सकते हैं। लिहाजा चुनाव आयोग सभी तथ्यों को जानने समझने के बाद ही फैसला ले। चिराग ने कहा कि अगर कोई दूसरा नेता लोक जनशक्ति पार्टी पर दावा करता है तो आयोग उनका पक्ष सुने बगैर फैसला न ले।