
बिहार ब्रेकिंग

बारहवीं की बोर्ड परीक्षा के न हो पाने के कारण प्रोमोशन का जो फॉर्मूला सीबीएसई ने तय किया है, उसका मैं हार्दिक स्वागत करता हूँ, क्योंकि यह पैटर्न परीक्षार्थियों और विद्यालयों के सर्वथा अनुकूल है। दसवीं का जो फॉर्मूला तय किया गया था, वह संभवतः बच्चों और विद्यालयों के लिए न्यायसंगत नहीं था। बारहवीं के परिणाम में कम से कम 30%, जो कक्षा 10 के बोर्ड से आएंगे, वे बच्चों के अपने अंक होंगे जो उनकी बोर्ड परीक्षा में अर्जित अंकों से लिए जाएंगे।
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इन परिस्थितियों में मेरा यह स्पष्ट मानना है कि इस वर्ष बोर्ड परीक्षा के क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर टॉपर्स के नाम घोषित न किए जाएं। चूंकि परीक्षाएं संभव नहीं हो पाई हैं और सीबीएसई अंकों की शुद्धता की गारंटी देने की स्थिति में नहीं है, इस लिए टॉपर्स का नाम घोषित करना ऐसा ही होगा जैसे बिना मैच देखे रैफरी फ़ैसला सुनाए। इस बार ऐसा भी संभव है कि वास्तविक मेधावी मेरिट लिस्ट में न आने पाएं। अतः सीबीएसई के अध्यक्ष एवं सचिव से मेरी माँग है कि मेरिट लिस्ट की घोषणा इस वर्ष न हो। ऐसा होने से परीक्षार्थियों का कोई व्यक्तिगत अहित नहीं होगा, किन्तु घोषणा होने पर विवादों का एक ऐसा पिटारा खुलेगा जिसके दूरगामी दुष्परिणाम होंगे।।