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देश में कोरोना की वजह से स्थिति दिन-ब-दिन भयावह होता जा रहा है। इस बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से संपूर्ण लॉक डाउन की मांग की है। आईएमए ने प्रेस रिलीज कर यह जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने लॉक डाउन लगाने की आईएमए की नसीहत को कचड़े के डब्बे में फेंक दिया और आईएमए के नसीहत पर विचार नहीं किया गया। विगत 20 दिनों में आईएमए राज्य सरकारों के द्वारा लगाए जा रहे लॉक डाउन के बदले पूरे देश में संपूर्ण लॉक डाउन लगाने की मांग कर रही है। केंद्र सरकार द्वारा संपूर्ण लॉक डाउन लगाने के फैसले नहीं लिये जाने की वजह से ही आज देश में कोरोना भयावह रूप ले चुकी है और प्रतिदिन चार लाख से अधिक लोग इसके चपेट में आ रहे हैं।
आईएमए ने वैक्सीनेशन पर भी सवाल उठाया और कहा कि छः अप्रैल से ही आईएमए 18 वर्ष के ऊपर के लोगों को टीका लगाए जाने की मांग कर रहा था लेकिन प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद यह 1 मई से शुरू किया जा सका। इसमें भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि स्वास्थ्य मंत्रालय उचित रोडमैप बनाने में विफल रही और वैक्सीन का उपयुक्त स्टॉक नहीं बना सकी और इसकी वजह से कई जगहों पर 18 वर्ष के लोगों का टीकाकरण नहीं हो सका। आईएमए ने सवाल किया कि अगर प्रधानमंत्री की बातों पर अमल नहीं किया जा रहा है तो इसका जिम्मेवार कौन है।
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आईएमए ने ऑक्सीजन क्राइसिस पर भी सरकार से सवाल किया कि विगत 15 दिनों से देश मे ऑक्सीजन की किल्लत है। अभी छोटे शहरों में प्राइवेट अस्पतालों को ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है जिससे मरीजों में उहापोह की स्थिति है। आईएमए के अनुसार देश में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन का प्रोडक्शन है लेकिन इसका सही से वितरण नहीं किया जा रहा है। आईएमए ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऑक्सीजन की किल्लत शुरू हुए 15 दिन बीत गए लेकिन सरकार अब तक कोई कड़ा कदम क्यों नहीं ले रही।