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बिहार में जब भी कोई आपदा की घड़ी आई है तो लोगों की मदद के लिए सबसे आगे दिखाई देते हैं पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ पप्पू यादव। लोगों की मदद के लिए जहां पप्पू यादव लगातार सड़कों पर घूमते नजर आते हैं वहीं वे सरकार पर हमलावर भी बने रहते हैं। कोरोना महामारी के दूसरे दौर में भी पप्पू यादव लगातार लोगों की मदद कर रहे हैं। इस बीच पप्पू यादव ने एक बार फिर से सरकार पर हमला बोला है और सभी प्राइवेट अस्पतालों को सेना के हवाले करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि कोरोना के इस आपदा काल में भी अस्पतालों में मनमानी फीस वसूली जा रही है और इस वजह से गरीब मर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी प्राइवेट अस्पतालों में सेना की तैनाती कर दी जाए और इन अस्पतालों में सरकार इलाज की कीमत तय कर दे ताकि हर किसी को बराबर स्वास्थ्य सेवा और इलाज मिल सके।
पटना आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने प्राइवेट अस्पतालों द्वारा कोरोना मरीजों से लिए गए लाखों रुपए के ट्रांजेक्शन को दिखाते हुए कहा कि ‘सरकार ने अब तक प्राइवेट अस्पतालों के लिए टास्क फोर्स क्यों नहीं बनाया? आखिर सरकार की ऐसी कौन से मजबूरी है कि महामारी के दौर में भी वे लूट में लगे लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही हैं?’ उन्होंने मांग करते हुए कहा कि ‘स्वास्थ्य विभाग के सभी पदाधिकारी, प्रभारी मंत्री, अधिकारी, दवा दुकान के मालिक, एम्बुलेंस मालिक और ड्राइवर के साथ-साथ इन सभी के परिजनों का मोबाइल भी सर्विलांस पर ले, पता चल जाएगा कि इन लोगों ने कितनी बड़ी लूट मचा रखी है। विकास भवन स्थित स्वास्थ्य विभाग लूट का अड्डा बना हुआ है।’
उन्होंने एम्बुलेंस चालकों की मनमानी पर कहा कि ‘कल पीएमसीएच में गोली एम्बुलेंस के वर्चस्व को लेकर चली थी। लगभग सभी एम्बुलेंस मालिक बीजेपी, जदयू, राजद की पार्टी का झंडा लगा कर घूमते हैं। वही हाल ऑक्सीजन वेंडर का है, जो मनमाने दाम पर लोगों से ऑक्सीजन के लिए पैसे लेते हैं। आज मनेर प्रमुख के पति को बायपास से रुबन लाने में 7 हजार रुपए मुझे देने पड़े, वरना उनकी मौत तय थी। एक पत्रकार को अपनी मां के लिए एक ऑक्सीजन सिलिंडर के लिए 95 हजार देने पड़े। IGIMS में एक लड़का कल भर्ती के लिए आया, जिसके साथ बदसुलूकी की गई और बेड नहीं मिलने की वजह से उसने दम तोड़ दिया। हम सरकार से मांग करते है कि कोरोना पेशेंट के लिए वो एम्बुलेंस का रेट तय करे। अगर सरकार देने में सक्षम नहीं होगी, तो हम उसका भुगतान करेंगे।’