
बिहार ब्रेकिंग
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राह पर उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी नई आबकारी नीति बनाई है। उत्तर प्रदेश नई आबकारी नीति के अनुसार लोगों को तय मात्रा से अधिक शराब घर मे रखने के लिए आबकारी विभाग से लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। नई आबकारी नीति के अनुसार घर मे शराब रखने के लिए वही लोग पात्र होंगे जो बीते पांच वर्षों से आयकरदाता होंगे। लाइसेंस लेने के लिए आवेदन के वक्त उन्हें अपना आयकर रिटर्न और पैन कार्ड की प्रति जमा करना होगा। नई आबकारी नीति के अनुसार लाइसेंस का वार्षिक फीस बारह हजार रूपये होगा और गारंटी फी के रूप में इक्यावन हजार रुपये देने होंगे। साथ ही यह सुनिश्चित करना होगा कि जहां शराब रखा जाएगा वहां इक्कीस वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति नहीं जाएंगे। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति में 21 साल से कम उम्र होने पर शराब रखने की इजाजत नहीं दी जाएगी और ना ही बार में उन्हें एंट्री मिलेगी। नियम तोड़ने वाले को 3 साल की जेल या 2000 रुपए जुर्माना भी किया जा सकता है।

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उत्तर प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति पर राजनीति प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता डॉ अजय उपाध्याय ने कहा कि उत्तर प्रदेश में शराबबंदी पर जो नए कानून बनाए गए हैं तो क्या योगी जी हर घर में जाएंगे। हर घर में आप पुलिस के पहरे दिलवाएंगे। अगर करना है तो शराबबंदी करें नहीं तो इस तरीके से ना करें कि हर किसी से वसूली और पुलिस पहरेदारी हो और हर कोई पुलिस टेरर में जिए। रालोसपा नेता माधव आनंद ने कहा कि यूपी सरकार की पॉलिसी स्वागत योग्य है। जो लोग चोरी छिपे शराब घर में रखने का काम करते है। शराब को सेवन करते हैं। इस तरह बिहार सरकार को भी सोचने की जरूरत है। शराबबंदी की जगह इस तरह का कठोर कदम उठाएं तो बिहार सरकार को इस पर सोचने की जरूरत है।
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योगी सरकार की आबकारी नीति पर जेडीयू नेता अभिषेक झा ने कहा कि नीतीश सरकार के तर्ज़ पर योगीजी ने नीति अपनायी है। इसका स्वागत होना चाहिए। सच में उत्तर प्रदेश भी महात्मा गांधी के बताये रास्तों पर चल पड़ा है। योगी सरकार की आबकारी नीति पर राजद एमएलसी ने कहा कि बिहार में शराबबंदी का मज़ाक बना है। बिहार में ये नाकाम रही है। उत्तरप्रदेश में इस पर क्या होता है ये देखना होगा। बिहार में भी विधि व्यवस्था बेहाल है। उत्तरप्रदेश में भी ऐसा ही हो रहा है।