
कोविड-19 की रोकथाम को लेेकर किये जा रहे कार्यों की मुख्यमंत्री ने की उच्चस्तरीय समीक्षा। सभी जिलों में आइसोलेशन बेड्स की संख्या पूर्ण तैयारी के साथ बढ़ाने की आवश्यकता है। साथ ही डेडिकेटेड अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाते हुये पूरी तैयारी रखी जाय। बाहर से आये श्रमिक जो क्वारंटाइन में रह रहे हैं, उनकी प्रोटोकाॅल के अनुसार तेजी से टेस्टिंग होती रहे। बाहर से आये श्रमिकों की पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर डोर टू डोर विस्तृत स्क्रीनिंग उपयुक्त टीम के माध्यम से करायी जाय। स्क्रीनिंग टीम के साथ स्किल सर्वे के कार्य करने वाले लोग भी रहें ताकि श्रमिक से संबंधित पूरी जानकारी मिल सके। बिहार के श्रमिक जो अन्य राज्यों से अपने राज्य में वापस आये हैं, इन्हें काफी तकलीफ झेलनी पड़ी है। हमलोग चाहते हैं कि इन्हें अपने राज्य में ही उनके स्किल के अनुरूप काम मिल जाय। बिहार में लीची, मशरूम, मधुमक्खी पालन, मखाना, कपड़ा, फर्नीचर, चमड़ा एवं पेवर्स ब्लाॅक्स की काफी संभावनायें हैं। इनसे संबंधित उद्योग को बढ़ावा देने के लिये हर संभव मदद करें। बाहर से आये श्रमिकों के परिवारों को स्वयं सहायता समूह से जोड़ें, जिससे उन्हें राज्य में चलायी जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी मिले और उसका लाभ भी मिले। जीविका के माध्यम से बिहार में महिलाओं में काफी जागृति आयी है, आत्मविश्वास बढ़ा है और वे आत्मनिर्भर भी हुयीं हैं। कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु लोगों को लगातार जागरूक करते रहें।

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोविड-19 की रोकथाम को लेेकर किये जा रहे कार्यों की मुख्य सचिव एवं अन्य वरीय अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा की। समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर आ रहे हैं। इनमें काफी लोग कोरोना पाॅजिटिव पाये जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में सभी बाहर से आ रहे श्रमिकों की संख्या को देखते हुये सभी जिलों में आइसोलेशन बेड्स की संख्या पूर्ण तैयारी के साथ बढ़ाने की आवश्यकता है। साथ ही डेडिकेटेड अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाते हुये पूरी तैयारी रखी जाय। उन्होंने कहा कि बाहर से आये श्रमिक जो क्वारंटाइन में रह रहे हैं, उनकी प्रोटोकाॅल के अनुसार तेजी से टेस्टिंग होती रहे।मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि बाहर से आये श्रमिकों की पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर डोर टू डोर विस्तृत स्क्रीनिंग उपयुक्त टीम के माध्यम से करायी जाय। स्क्रीनिंग टीम के साथ स्किल सर्वे के कार्य करने वाले लोग भी रहें ताकि श्रमिक से संबंधित पूरी जानकारी मिल सके।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के श्रमिक जो अन्य राज्यों से अपने राज्य में वापस आये हैं, इन्हें काफी तकलीफ झेलनी पड़ी है। हमलोग चाहते हैं कि इन्हें अपने राज्य में ही उनके स्किल के अनुरूप काम मिल जाय। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि श्रमिकों की अधिक से अधिक स्किल ट्रेनिंग करायी जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में लीची, मशरूम, मधुमक्खी पालन, मखाना, कपड़ा, फर्नीचर, चमड़ा एवं पेवर्स ब्लाॅक्स की काफी संभावनायें हैं। इनसे संबंधित उद्योग को बढ़ावा देने के लिये हर संभव मदद करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आये श्रमिकों के परिवारों को स्वयं सहायता समूह से जोड़ें, जिससे उन्हें राज्य में चलायी जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी मिले और उसका लाभ भी मिले। जीविका के माध्यम से बिहार में महिलाओं में काफी जागृति आयी है, आत्मविश्वास बढ़ा है और वे आत्मनिर्भर भी हुयीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु लोगों को लगातार जागरूक करते रहें। सोशल डिस्टेंसिंग ही इसका सबसे प्रभावकारी उपाय है। सभी लोग सचेत एवं सतर्क रहेंगे, तभी स्वस्थ रहेंगे।