

जनता दल (यू) के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद निषाद ने रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के धरना प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा की कोविड 19 के राष्ट्रीय महामारी अधिनियम का उल्लंघन करते हुए पटना सहित पूरे राज्य में उपेंद्र कुशवाहा ने धरना देकर साबित करने का कार्य किया है की ना तो मुझे मानवता से प्रेम है और ना ही बिहार वासियों से कोई लगाओ। उपेंद्र कुशवाहा ने सिविल नाफरमानी कानून को तोड़ने का सार्वजनिक बयान देकर इस बात को प्रमाणित किया है की रालोसपा आम के हितों के साथ नही है। निषाद ने आरोप लगाया है कि वर्तमान में जिस गठबंधन के साथ रालोसपा है उस गठबंधन के प्रमुख घटक राष्ट्रीय जनता दल व्यवस्था को तोड़ने के लिए सुप्रसिद्ध है। कुव्यवस्था को आगे बढ़ाने में रालोसपा की भूमिका भी प्रदेश याद रखेगी। उपेंद्र कुशवाहा पर यह दोहा सही साबित हो रहा है। संगत से गुण होते हैं, संगत से गुण जाए। उपेंद्र कुशवाहा पर संगत का असर दिखाई दे रहा है।
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निषाद ने बताया कि बिहार सरकार ने प्रदेशवासियों की मदद के लिए कोरोना फंड का गठन किया उपेंद्र कुशवाहा ने अपने पेंशन की राशि का 1 आना भी कोरोना फंड में योगदान नहीं दिया लेकिन कोरोना काल के महामारी में अपनी राजनीति को स्थापित करने के लिए धरना प्रदर्शन पुतला दहन का कार्यक्रम चला रहे हैं वही प्रदेशवासी इनके इस आंदोलन से चिंतामुक्त होकर नीतीश कुमार के द्वारा चलाए जा रहे राहत अभियान से लाभ उठाकर संतुष्ट हैं।
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निषाद ने कहा कि कोरोना महामारी में बिहार के प्रवासी भाई जो लौट रहे हैं उन सभी के लिए बिहार सरकार की ओर से 4.26 लाख योजनाओं के माध्यम के तहत 3.5 करोड़ मानव दिवस का सृजन किया गया है।13.90 लाख श्रमिकों को मनरेगा के तहत काम उपलब्ध कराए गए हैं 30 लाख प्रवासी श्रमिकों को जोड़ने की योजना पर बिहार सरकार काम कर रही है। 14 हजार क्वॉरेंटाइन सेंटर कैंप में अभी 11.50 लाख लोग आवासित है। 20 लाख से अधिक प्रवासियों के खाते में एकक हजार रुपए भेजे गए हैं। प्रवासी मजदूरों को 500 या 1000 रुपया देने के उद्देश्य से प्रवासी मजदूरों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में ही बैंक खाता खोलने और आधार कार्ड बनाने का आदेश दिया गया है। प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए बिहार एप लॉन्च करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।