

मुंगेर सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को PAC (लोक लेखा समिति) का सदस्य बनाया गया है। राजीव रंजन सिंह वर्तमान में मुंगेर के सांसद हैं और लोकसभा में जदयू संसदीय दल के नेता भी हैं। इनका कार्यकाल एक वर्ष का होगा। लोक लेखा समिति का सदस्य होना अपने आप मे गौरव का विषय है। दरअसल लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee (PAC)) भारतीय संसद के कुछ चुने हुए सदस्यों वाली समिति है जो भारत सरकार के खर्चों की लेखा परीक्षा (auditing) करती है। यह समिति संसद द्वारा निर्मित होती है। समिति, प्राक्कलन समिति (Estimates Committee) की ‘जु’ के रूप में जानी जाती है। इस समिति में 22 सदस्य होते हैं, जिसमें 15 लोकसभा द्वारा तथा 7 सदस्य राज्य सभा द्वारा एक वर्ष के लिये निर्वाचित या मनोनीत किए जाते हैं। यह समिति भारत के भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा दिये गये लेखा परीक्षण संबंधी प्रतिवेदनों की जाँच करती है।
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लोकसभा सचिवालय इस समिति के कार्यालय की भूमिका निभाता है। समिति केे अध्यक्ष का नियुक्ति लोकसभा के अध्यक्ष के द्वारा किया जाता है लोकलेखा समिति का अध्यक्ष लोकसभा में विपक्ष का नेता होता है। जो इस वक़्त भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के अधीर रंजन चौधरी हैं। इस समिति का मुख्य कार्य सरकार के खर्चे का व्योरा रखना होता है। कहा जाता है कि इसी समिति ने 1958 में एल आई सी घोटाले से लेकर मनमोहन सरकार में 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले का उद्भेदन किया था। जदयु के कद्दावर साँसद ललन सिंह इससे पहले भी ऊर्जा मामलों के समिति के सदस्य हैं। राजीव रंजन सिंह को लोक लेखा समिति का सदस्य बनाये जाने के बाद उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।