

असामयिक बारिश से ना सिर्फ किसानों की आफत आई है बल्कि ईंट भट्ठे उद्योग को भी भारी नुकसान हुआ है। पकाने के लिये बनाकर रखे गये कच्चे ईंटों के कई बार बर्बाद होने से भट्ठे उद्योग से जुड़ें मालिकों कर्मियों और श्रमिकों के सामने संकट आ खड़ा हुआ है। ईंट उद्योग को भारी नुकसान होने के कारण ईंटों के मूल्य में अचानक भारी उछाल आया है और यह बढ़कर दोगुनी तक हो गई है। अब ईंट उद्योग से जुड़े व्यवसायी सरकार से मुआवजे की माँग कर रहे हैं। इधर ईंट के दाम में आई भारी तेजी से निर्माण क्षेत्र की गति भी बाधित या धीमी हुई है।
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सरकारी कार्यों में भी विलंंब की संभावना देखी जा रही है। बिहार में अभी भी फ्लाई ऐश ब्रिक्स का उत्पादन नगण्य है और अगर है भी तो उसकी गुणवत्ता सही नही होने के कारण लोग उसे खरीदते नही और कच्चामाल नही मिलने से उत्पादन भी कम है। सिर्फ ठेकेदारी कार्य मे ही उसका उपयोग हो पा रहा है। अतः दोनो तरह ईंट उद्योग के सामने परेशानी बढ़ गई है।