

कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन 2.0 लागू होने के बाद पहली बार आयोजित’मन की बात’ कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि आज अक्षय तृतीया का पर्व है। इस मौके पर हमें अपनी धरती को अक्षय बनाने का संकल्प लेना चाहिए। पीएम मोदी ने रमजान महीने का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले साल रमजान मनाते हुए किसने सोचा था कि अगले साल रमजान के पवित्र महीने के दौरान हम कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहे होंगे। पीएम ने कहा कि हम सभी को लॉकडाउन का कड़ाई से पालन करना है। पीएम ने कहा कि रमजान में ज्यादा इबादत करें ताकि ईद से पहले कोरोना खत्म हो जाए और हम ईद का त्योहार खुशी-खुशी मना सकें। ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई सही मायने में People Driven है। देश की जनता कोरोने के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। पीएम ने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में लोग एक-दूसरे की सहायता के लिए आगे आए हैं। पीएम ने कहा कि भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई जनता लड़ रही है, जनता के साथ मिलकर शासन, प्रशासन लड़ रहा है। भारत जैसा विशाल देश जो विकास के लिए प्रयत्नशील है, गरीबी से निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है। उसके पास कोरोना से लड़ने और जीतने का यही एक तरीका है।
उन्होंने कहा कि पूरे देश में, गली-मोहल्लों में, जगह-जगह पर आज लोग एक दूसरे की सहायता के लिए आगे आए हैं। गरीबों के लिए खाने से लेकर, राशन की व्यवस्था हो, लॉकडाउन का पालन हो, अस्पतालों की व्यवस्था हो, मेडिकल उपकरण का देश में ही निर्माण हो-आज पूरा देश, एक लक्ष्य, एक दिशा साथ-साथ चल रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि ताली, थाली, दिया, मोमबत्ती इन सारी चीजों ने जो भावनाओं को जन्म दिया। जिस जज्बे से देशवासियों ने कुछ न कुछ करने की ठान ली। हर किसी को इन बातों ने प्रेरित किया। पीएम ने कहा हमारे किसान भाईयों ने महामारी के बीच दिन रात खेतों में मेहनत की और हम सभी तक खाना पहुंचाया। पीएम ने कोरोना वॉरियर्स, डॉक्टरों और नर्सों पर हो रहे हमले पर दुख जताया। पीएम ने कहा कि चाहे वो व्यापार हो, ऑफिस कल्चर हो, शिक्षा हो या मेडिकल सेक्टर सभी कोरोना वायरस की वजह से आए बदलावों के हिसाब से खुद को ढालते जा रहे हैं, तेजी से इनोवेट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के हर हिस्से में दवाइयों को पहुंचाने के लिए ‘लाइफ-लाइन उड़ान’ नाम से एक विशेष अभियान चल रहा है। हमारे इन साथियों ने इतने कम समय में देश के भीतर ही 3 लाख किलोमीटर की हवाई उड़ान भरी है और 500 टन से अधिक मेडिकल सामग्री देश के कोने-कोने में पहुंचाई है। पीएम ने कहा कि संकट की इस घड़ी में दुनिया,समृद्ध देशों के लिए भी दवाइयों का संकट बहुत ज्यादा रहा है। अगर भारत दुनिया को दवाइयां न भी दे तो कोई भारत को दोषी नहीं मानता। हर देश समझ रहा है कि भारत के लिए भी उसकी प्राथमिकता अपने नागरिकों को बचाना है। लेकिन भारत ने अपनी संस्कृति के अनुरूप फैसला लिया।