
बिहार ब्रेकिंग-मंजेश कुमार

वैश्विक महामारी कोरोना के विरुद्ध देश में लॉक डाउन का आज चौथा दिन है। लॉक डाउन के बाद जहां देश में लोग चैन की सांस लेते हुए ये सोचने लगे थे कि अब जल्द ही हमें कोरोना से मुक्ति मिल जाएगी तभी चौथे दिन अचानक दिल्ली के विभिन्न इलाकों से निकल कर हजारों की संख्या में भीड़ आनंद विहार और गाजियाबाद की तरफ बढ़ने लगी। दिल्ली से यूपी और बिहार के लिए चली भीड़ में बच्चे, जवान, बूढ़े और औरतें सभी शामिल हैं। भीड़ में शामिल लगभग सभी लोग दिहाड़ी और मजदूरी करने वाले हैं जिनकी आंखों में एक दर्द और जल्द से जल्द घर पहुंचने की आशा दिखती है। सभी जल्दी से जल्दी घर पहुंचने के लिए भूखे प्यासे ही तेजी से आनंद विहार, गाजियाबाद एवं वैशाली बस अड्डा की तरफ बढ़ते चले जा रहे हैं। और इसी आस में इन तीनो ही बस अड्डे पर हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई है। इस भीड़ को देख दिल्ली और यूपी की पुलिस भी बेबस हो बस देख रही है लेकिन चाह कर भी कुछ कर नहीं पा रही। पुलिस पैदल चल रही भीड़ को समझाने का प्रयास करती तो है लेकिन वो दो लोगों को समझाती है तब तक 20 पार कर जाते हैं।
भीड़ में लोगों से पूछने पर पता चला कि किसी ने सोशल मिडिया पर अफवाह फैला दिया था कि सरकार ने फ्री कर दिया है, 24 घंटे के दौरान कहीं भी जा सकते हैं। और फिर देखते ही देखते हजारों लोग सड़क पर निकल गए, जहां उन्हें न तो पानी नसीब हो रहा न खाना, साथ ही खुले आसमान के नीचे रात बिताने को भी मजबूर हैं।

साथ ही कुछ लोगों ने ये भी बताया कि लॉक डाउन की वजह से रोजगार चला गया खाने के लिए न पैसे हैं न ही रहने की जगह क्योंकि अब मकान मालिक भी कहते हैं कि घर खाली कर दो तो फिर कोरोना से तो बाद में मरेंगे लेकिन अगर यहां रहे तो भूख से मर जायेंगे। हालांकि हजारों लोगों के इस तरह से सड़क पर आ जाने के बाद यूपी और दिल्ली सरकार हरकत में आई और लोगों को भेजने के लिए बस, खाने पीने की व्यवस्था करने में जुटी। लेकिन इतनी बड़ी भीड़ में हर व्यवस्था ऊंट के मुंह में जीरा का फोरन साबित हो रहा है।
हालांकि लोगो के एक साथ इस तरह से जमा होने को स्वास्थ्य विशेषज्ञ बहुत ही बड़ा खतरा के रूप में देख रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस भीड़ में अगर किसी एक को भी कोरोना बीमारी हुई तो फिर पता भी नहीं चल पाएगा और लाखों लोग इसकी चपेट में आ जाएंगे। इसलिए सरकार को जल्द से जल्द इसके लिए कोई ठोस कदम उठाना चाहिए और जो जहां हैं वहीं पर राहत कैम्प बना कर लोगों के रहने का व्यवस्था कर देना चाहिए।