
बिहार ब्रेकिंग-रविशंकर शर्मा-पटना ग्रामीण

इस वैश्विक महामारी में भारत के साथ जब पूरी दुनिया लॉक डाउन का रास्ता अपनाकर लोगों को संक्रमण से बचाने की जी तोड़ कोशिश में लगी है। ऐसे में भारत के सरकारी कंपनियों द्वारा लॉक डाउन का उल्लंघन बेहद खतरनाक और आपरिधिक गतिविधियों में से एक है। पहले NHAI ने 23 मार्च को पत्र जारी कर काम चालु रखने के आदेश जारी किये जो मीडिया के हाथ लग गया और मजबूरन उसे काम बन्द करना पड़ा। तो अब देश के नौरत्नों में से एक आईओसीएल के एक कॉन्ट्रेक्टर द्वारा लॉक डाउन तोड़ने के मामले सामने आये हैं। दरअसल ट्रेंचलेस कम्पनी को आईओसीएल ने पाइप लाइन का काम दे रखा है जो पाइप को मोकामा के हाथीदह से भूमिगत प्रक्रिया के तहत गंगा पार करायेगी। लॉक डाउन के बाद से इस कंपनी ने 24 घंटे के शिफ्ट में काम जारी रखा है। आगे आईओसीएल का और ट्रेंचलेस का बोर्ड भी लगा रखा है। ग्रामीणों ने बताया कि ये कम्पनी इतना ध्वनि प्रदूषण करती है कि गाँव के लोग अचानक रात को जाग जाते हैं। दर्जनों मजदूरों को काम मे लगाकर ये कम्पनी ना सिर्फ सरकारी नियमों की अनदेखी कर रही है बल्कि संक्रमण के खतरे को और बढ़ा रही है।
प्रोजेक्ट इंचार्ज धनंजय कुमार ने बताया कि उन्हें एसडीएम का आदेश मिला है परंतु जब उनसे आदेश की कॉपी माँगी गई तो उन्होंने बात बदलते हुये कहा कि मौखिक आदेश है। यानि आईओसीएल जैसी बड़ी कम्पनी की आड़ लेकर ये कम्पनियाँ स्थानीय प्रशासन को भी बदनाम करने में लगी है। ये ना सिर्फ गंभीर चिंताजनक स्थिति है बल्कि आपरिधिक मामला भी है। जब सरकारी कम्पनियाँ ही इस तरह लॉक डाउन के नियमों की अनदेखी करेगी तो फिर आम लोग लॉक डाउन का पालन कैसे करेंगे? ये ग्रामीण क्षेत्र में काम कर रही है और हम आपको बार बार दिखा रहे हैं कि लॉक डाउन ग्रामीण क्षेत्रो में पूरी तरह विफल रहा है। जिसके लिये स्थानीय प्रशासन के साथ ही ऐसी कम्पनियाँ भी जिम्मेदार हैं।