
बिहार ब्रेकिंग-कुणाल कुमार-सुपौल

मामला सुपौल जिला के त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय क्षेत्र के छातापुर सरकारी अस्पताल की है। अस्पताल में आए हुए ग्रामीण मरीजों से ईलाज एवं बच्चा ईशु के नाम पर एएनएम एवं डॉक्टरों की मिली भगत से की जा रही मोटी रक़म की उगाही डॉक्टर की नियती बन चुकी है। प्राथमिक उपचार के नाम पर जांच घरों, एक्सरे काउंटर व अल्ट्रासाउंड का चौखट सुंघाया जाता है। वहीं प्रसव कराने आने वाली मरीजों से करते हैं अवैध वसूली। स्वास्थ्य विभाग सेवाओं को लेकर चाहे जितने दावे कर ले, लेकिन रोगियों की परेशानी बरकरार है। रोगी के परिजनों से अवैध वसूली हो रही है।
इतना ही नहीं, दिनदहाड़े दवा के नाम पर पैसे ठगे जा रहे हैं। थोड़ा-सा विरोध करने पर स्वास्थ्यकर्मी उनके साथ गाली-गलौज करने से भी नहीं हिचकिचाते। छातापुर सरकारी अस्पताल में इसका नजारा रोजाना देखने को मिल जाता है। अस्पताल में प्रसव के लिए रेणु निशा अपनी मरीज रवीना खातून के साथ पहुंची। प्रसव होने के बाद उससे खुशनुमा के नाम पर पैसे की मांग की। 50 रुपए देने पर भड़कते हुए उसके साथ अभद्र व्यवहार किया। पीड़िता रेणु निशा ने बताया कि मनमाफिक पैसे नहीं देने पर काफी खरी खोटी सुनायी।जबरन 200-300 रुपए लिये तब जाकर शांत हुई। अस्पताल में डायलोना, मेथरजीन, ऑक्सीटोक्सीन सहित कई दवाएं मौजूद हैं। लेकिन दवा रहते हुए भी बाहर से दवा लाने को कहा जाता है। कमीशन के चक्कर में स्वास्थ्यकर्मी मरीजों का आर्थिक शोषण कर रहे हैं।