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केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे की पहल पर आज बिहार के स्वास्थ्य मंत्रालय, नगर विकास मंत्रालय और केंद्रीय स्वास्थ मंत्रालय के एजेंसियों की एक संयुक्त बैठक बिहार और विशेषकर पटना में बाढ़ और जलजमाव से फैलने वाली बीमारियों के रोकथाम के लिए हुई जिसमें इन सभी द्वारा संयुक्त रूप से इस दिशा में युद्ध स्तर पर काम करने की बात हुई। इस बैठक में विशेष तौर पर महामारी के रोकथाम और प्रभावित क्षेत्रों में स्वच्छता रखने पर ध्यान दिया गया। वेक्टर बोर्न और वाटर बॉर्न रोगों के रोकथाम के साथ ही पेजल में क्लोरीन टेबलेट से शुद्धीकरण, मोबाइल मेडिकल वाहनों को प्रभावित इलाकों में घरों तक भेजना, जलजमाव वाले क्षेत्रों में केमिकल के छिड़काव, गंदगी को रोकना, प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की जांच के लिए वैज्ञानिकों और डॉक्टरों के नियुक्ति, मुफ्त दवाओं का वितरण, साफ पानी का वितरण, ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव, मच्छर मारने वाली दवा का छिड़काव सहित अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने पर फैसला लिया गया। बिहार खासकर पटना में भारी बारिश, बाढ़ और जलजमाव के दौरान और उपरांत फैलने वाले रोगों के रोकथाम के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने विशेष पहल करते हुए केंद्र सरकार की जांच एजेंसियों संगठनों को काम में लगाया है। एनसीडीसी, आईसीएमआर, एम्स, आरएमआरआई, आरओएच & एफडब्ल्यू और ईएमआर के पदाधिकारियों के साथ आज इस संबंध में चौबे ने महत्वपूर्ण बैठक कर पूरी शक्ति से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पूरी तत्परता से तुरंत काम करने का निर्देश दिया है। कल पोर्ट ब्लेयर से आईआरएस की टीम भी पटना आ रही है जो लिप्रो स्पोरिसिस तथा ऐसे अन्य बीमारियों का जांच करेगी। आईसीएमआर के अंतर्गत काम करने वाली एजेंसी ऐसे रोगों के बारे में अत्याधुनिक शोध करती है और इसने ही इसकी दवा बनाई है।
आईसीएमआर और एनसीडीसी की केंद्रीय टीम पटना में चुकी है जबकि आरएमआरआई की टीम ने 2 दिन पहले से ही अपना काम शुरू कर दिया है। एम्स के डॉक्टरों की टीम विभिन्न क्षेत्रों में इस दिशा में अपना काम करना शुरू कर देगी जबकि आरओएच & एफडब्ल्यू (केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का क्षेत्रीय कार्यालय) बिहार के स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रही है। सीजीएचएस के 6 अस्पतालों में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के निर्देश पर बाढ़ से प्रभावित सभी स्थानीय लोगों का इलाज निशुल्क हो रहा है। आज पटना में हुई उच्च स्तरीय बैठक में केंद्रीय मंत्री चौबे ने इन एजेंसियों के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में बाढ़ और इसके बाद की स्थिति में स्वास्थ्य संबंधी सहायता के लिए समीक्षा किया और जरूरी निर्देश दिया। बैठक के बाद चौबे ने बताया कि केंद्रीय टीम के तुरंत तैनाती के बाद जलजमाव वाले क्षेत्रों में रिपीटेड फोगिंग, जलजमाव वाले छत पर फोगिंग करना, छत के पानी को ड्रेन करना, हेलोजैन टेबलेट का वितरण, लारवा साइटल का उपयोग, पीने के पानी की उपलब्धता, क्लोरीन टेबलेट का वितरण, टेमी फोस्ट का स्प्रे, लोगों को उबला पानी पीने का निर्देश, जरूरी दवाओं के वितरण,रोगों से रोकथाम के लिए अन्य जरूरी निर्देश और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करने का इंतजाम किया जाएगा। चौबे ने कहा कि केंद्र सरकार बिहार और पटना के लोगों के स्वास्थ्य के प्रति पूरी तरीके से सचेत है और इस पर युद्ध स्तर पर काम करने के लिए इन एजेंसीयों को लगाया गया है। साथ ही दशहरा दीपावली के समय कोई दिक्कत नहीं हो इसलिए इन संगठनों के कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर उन्हें बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में लोगों की मदद करने के लिए तैनात किया गया है। कल भागलपुर भी केंद्रीय टीम जाएगी क्योंकि वहां भी बाढ़ से स्थिति गंभीर बनी हुई है।
आज की बैठक में बिहार के नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, सांसद रामकृपाल यादव, विधायक अरुण कुमार सिन्हा, विधायक नितिन नवीन, और विधायक संजीव चौरसिया सहित इन सभी एजेंसियों के अधिकारी सहित केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेष सचिव संजीव कुमार, ईएमआर (इमरजेंसी मेडिकल रिस्पॉन्स) के निदेशक पी रवींद्रन, सी जी एस के निदेशक डॉ पीयूष विशेष तौर पर हुए उपस्थित हुए। साथ ही पटना एम्स के डायरेक्टर डॉ प्रभात कुमार सिंह आरएमआरआई के डायरेक्टर डॉ प्रदीप दास, एनसीडीसी के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ राम सिंह, आईसीएमआर के कंसल्टेंट डॉक्टर विजय कुमार, आईसीएमआर एनआईएमआर के डॉक्टर हिम्मत सिंह, सीजीएचएस के सहायक निदेशक डॉ एस के पांडेय, डॉक्टर नीमा वर्मा एनसीडीसी पटना के सीएमओ डॉ मजहर हुसैन, एनसीडीसी दिल्ली के डॉक्टर रामजीत प्रसाद सहित इन से एजेंसियों के आने के डॉक्टर और साइंटिस्ट उपस्थित थे।