
बिहार ब्रेकिंग-पंकज कुमार-गया

एक तरफ बिहार में मुख्यमंत्री के द्वारा चलाये गये जल-जीवन-हरियाली कार्यक्रम का जोर शोर से प्रचार प्रसार किया जा रहा है और लोगों में पौधरोपण एवं वातावरण संरक्षण के लिये लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है तो दूसरी तरफ बालू माफियाओं द्वारा दिन के उजाले में लगातार अवैध खनन के साथ ही पेड़ों को भी क्षतिग्रस्त किया जा रहा है या यूं कहें पेड़ों को नष्ट किया जा रहा है। स्थानीय लोगों की मानें तो पुलिस प्रशासन इन बालू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय इन्हें संरक्षण देने लगी हुई है। बात है नवादा जिले की, जहां थाना के नजदीक ही बालू माफिया द्वारा लगातार अवैध बालू खनन जारी है लेकिन पुलिस उनपर कार्रवाई करने के लिए सोचती भी नहीं है। ज्ञात हो कि बिहार में बरसात के मौसम को देखते हुए 1 जुलाई से बालू खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया था जिसके तहत बालू संवेदक भी खनन नहीं कर सकते हैं लेकिन यहां सरकारी निर्देशो का खुलेआम धज्जी उड़ाते हुए खनन कार्य बदस्तूर जारी है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि अवैध बालू खनन कार्य धड़ल्ले से जारी है। इसकी जानकारी जब भी पुलिस को या खनन विभाग को दी जाती है तो कभी कभी छापेमारी तो होती है लेकिन बावजूद इसके इसे बंद करवाने में विभाग पूरी तरह से विफल साबित हो रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अवैध बालू खनन रोकने के लिए तकनीक के इस्तेमाल का भी निर्देश दे चुके हैं। उनके निर्देशों के अनुसार खनन कार्य की निगरानी के लिए सैटेलाइट और ड्रोन की मदद ली जानी थी लेकिन धरातल पर सब शून्य है। अवैध बालू खनन से एक तरफ सरकारी राजस्व में भारी घाटा तो है ही वहीं बालू माफियाओं के द्वारा प्रकृति को भी क्षति पहुंचाई जा रही है। बालू माफिया बालू खनन करने के लिए अक्सर पेड़ों को काट रहे हैं या फिर उनकी बुनियाद इतनी कमजोर कर दे रहे हैं कि पेड़ खुद ही गिर जा रहे हैं।