
बिहार ब्रेकिंग

बिहार, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल डॉ डी वाई पाटिल का मंगलवार को राजधानी में स्थित डॉ डी वाई पाटिल पुष्पलता पाटिल इंटरनेशनल स्कूल में भव्य स्वागत किया गया. उसके बाद पूर्व राज्यपाल विद्यालय परिसर में स्थित अपनी दिवंगत पत्नी स्व पुष्पलता पाटिल के मूर्ति पर माल्यार्पण किया और तत्पश्चात पूर्व राज्यपाल डॉ डी वाई पाटिल, विद्यालय प्रबन्धन समिति के अध्यक्ष प्रेमरंजन सिंह, उपाध्यक्ष अमरेन्द्र मोहन, निदेशक डॉ सी बी सिंह तथा प्राचार्या राधिका के ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने स्वागत गन प्रस्तुत किया और फिर महाराष्ट्र का प्रसिद्द नृत्य ‘लावणी’ और ‘बूंद-बूंद, लहर-लहर…., तू है, तेरा यह संसार….’ जैसे गीतों पर बच्चों के नृत्य ने सबका मन मोह लिया.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व राज्यपाल ने सर्वप्रथम विद्यालय के अनुशासन की प्रशंसा की और विद्यालय की उपलब्धियों और गुणवत्ता पर प्रसन्नता जाहिर की. उन्होंने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि कठिनाइयाँ मनुष्य को मजबूत बनाती हैं, कठिनाइयों से डरे बिना मजबूती से उसका सामना करना चाहिए एवं कठिन परिस्थितियों में भी सदा जिन पथ पर अग्रसर रहें. अगर आप परिस्थितियों का डट कर मुकाबला करेंगे तो जीवन में हर क्षेत्र में आप सफल होंगे. उन्होंने आगे कहा कि अगर परिस्थितियां अनुकूल रही तो अगले पांच वर्षों में न्यूनतम एक दर्जन संस्थान अस्तित्व में आ जाएँगे. उन्होंने विद्यालय के अतिरिक्त तकनीकी संस्थानों की स्थापना की भी मंशा जाहिर की. वहीँ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्या राधिका के ने कहा कि विद्यालय से जुड़ा प्रत्येक व्यक्ति कदम कदम पर उनका मार्गदर्शन चाहता है. उन्होंने डॉ पाटिल के आदर्श को सामने रख कर बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम की एक पंक्ति कही कि ‘यदि सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो पहले सूरज की तरह जलना सीखो.’ तत्पश्चात उन्होंने धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की और राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम समापन किया गया. विदित हो कि सोमवार को पूर्व राज्यपाल की मुख्यमंत्री नितीश कुमार की मुलाकात में किसी सरकारी भूमि पर मुख्यमंत्री की माता परमेश्वरी देवी के नाम पर एक अस्पताल और मेडिकल कॉलेज की स्थापना का भी निश्चय किया गया.