
बिहार ब्रेकिंग-सुमित कुमार-बेगूसराय

सोमवार को विधानसभा सत्र के दौरान बिहार के आईटी मंत्री सह उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के द्वारा कंप्यूटर ऑपरेटर के संदर्भ में दिया गया बयान सरासर गलत है और मंत्री के बयान की बिहार राज्य डाटा इंट्री / कंप्यूटर ऑपरेटर संघ, जिला इकाई बेगूसराय तीखी भर्त्सना करती है। जिला इकाई बेगूसराय के जिलाध्यक्ष अमित जायसवाल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि उपमुख्यमंत्री ने जो बयान कल पूरक प्रश्न का कंप्यूटर ऑपरेटर के बारे में दिया वो बिल्कुल निराधार है व इससे प्रतीत होता है कि मंत्री को अपने विभाग के बारे में ही सही जानकारी नहीं है या विभाग के पदाधिकारी के द्वारा उन्हें गलत जानकारी दी गयी है। उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के द्वारा कल विधानसभा में बताया गया की कंप्यूटर ऑपरेटर का कार्यकाल 3 वर्षों का होता है और उन्हें तीन फीसदी वार्षिक वृद्धि भी दी जाती है, लेकिन सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के जारी आदेश के अनुसार कंप्यूटर ऑपरेटर का सेवा काल 60 वर्षों का होगा बशर्ते विभाग से कोई प्रतिकूल टिप्पणी प्राप्त न हो तो वहीं वार्षिक वृद्धि 10 फीसदी की होगी।
उक्त आदेश का लाभ विगत 3 सालों से कंप्यूटर ऑपरेटर उठा रहे हैं तो वही हिटलरशाही मंत्री के द्वारा विधानसभा सत्र में ऐसा बयान आना हम सभी के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। जायसवाल ने बताया कि जहाँ एक तरफ हम सभी पूरे तन्मयता से सरकार के विभिन्न विभागों में कार्य करते हैं जिसकी उपलब्धि या पुरस्कार सरकार प्राप्त करती है, लेकिन इसके बदले पुरस्कारस्वरूप हम सभी डाटा इन्ट्री ऑपरेटर को 7 से 8 महीने विलम्ब से वेतन का भुगतान होता है वो भी 2 या 3 माह का। इसी बात को आसानी से विधानसभा सत्र में उपमुख्यमंत्री ने बताया कि वेतन 1 से 2 माह विलम्ब मिलता है जबकि सच्चाई यह है कि कोई विभाग ऐसा नहीं है जहाँ वेतन 1 से 2 माह में मिल जाता है, हरेक विभाग में वेतन की प्रक्रिया इतनी जटिल है कि वेतन मिलते मिलते 6 से 8 माह हो जाती है।
जायसवाल ने कहा कि जहाँ एक तरफ सरकार को हम सभी डाटा इन्ट्री ऑपरेटर के सेवा शर्त को स्थायी करनी चाहिये तो वहीं ऐसे बचकाना बयान देकर अपना पल्ला झाड़ने का काम कर रही है। अगर सरकार जल्द से जल्द वेतन सम्बन्धी समस्या समेत सेवा शर्त को स्थायी नहीं करती है तो जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक काम ठप कर दिया जाएगा जिसकी पूरी जबावदेही सरकार की होगी।