
बिहार ब्रेकिंग

राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कच्चे पेट्रोलियम, हाई स्पीड डीजल, नेचुरल गैस और जेट फ्यूल को जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए राज्यों की मंजूरी जरूरी है। वर्तमान में पेट्रोल-डीजल और अन्य पेट्रोलियम पर राज्य सरकार खुद टैक्स लगाते हैं। दरअसल, सरकार की कमाई का बड़ा हिस्सा पेट्रोलियम पदार्थों पर लगाए गए टैक्स से वसूली जाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर पेट्रोलियम पदार्थ जीएसटी के दायरे में आते हैं तो कीमत पर लगाम लग जाएगी।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पहले चरण में जेट फ्यूल (ATF) और नेचुरल गैस को GST के दायरे में लाया जाएगा। बता दें, जब GST को लागू किया गया था तब मोदी सरकार ने पांच पेट्रोलियम पदार्थों- पेट्रोल, डीजल, क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस और ATF को इसके दायरे से बाहर रखा था। इस लिस्ट में बाद में रसोई गैस, केरोसिन और नेप्था (मिट्टी का तेल) को शामिल किया गया।