
बिहार ब्रेकिंग

पटना के वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट रंजन राही सहित अन्य मीडिया कर्मी पर किए गए तेजप्रताप के बाउंसर द्वारा अशोभनीय व्यवहार व मारपीट की घटना पर आक्रोश जताते हुए जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक युवा परिषद के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश कुमार तिवारी (आरके तिवारी) ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि तेजप्रताप यादव के सुरक्षाकर्मियों तथा बाउंसर ने मीडिया के लोगों से बदसलूकी और मारपीट की है। इस घटना में एक दैनिक अखबार के फोटोग्राफर को चोटें आई हैं। वहीं, एक कैमरामैन का पैर कार के नीचे आ गया है। तेजप्रताप यादव अपने समर्थकों के साथ वोट डालने पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान स्थित मतदान केंद्र पहुंचे थे, जहां ये घटना प्रकाश में आई है मैं इस घटना की कड़ी सब्दो में निंदा करता हूँ यह लोकतंत्र के लिए ठीक नही है।
रजनीश कुमार तिवारी ने कहा कि जन अधिकार पार्टी ऐसी किसी भी घटना की घोर निन्दा करती है। उन्होंने कहा कि पत्रकार के साथ उनके सुरक्षाकर्मियों द्वारा ऐसे किए गए अशोभनीय व्यवहार के लिए तेजप्रताप को सार्वजनिक रूप से पत्रकारों से माफी मागनी चाहिए। पत्रकार देश का चौथा स्तम्भ है, और आज इन्ही पत्रकार के कारण लालू यादव को देश विदेश के लोग जानते है और यही पत्रकार के कारण ही तेज और तेजस्वी है वरना राजनीतिक रूप से इनका कोई वजूद नही रहता। आए दिन बिहार में पत्रकारों को प्रताड़ित करने की घटना होते रहती है जिस पर पक्ष और विपक्ष चुप्पी साधे रहते हैं लेकिन जन अधिकार पार्टी चुप्पी नहीं साध सकती। हद तो तब हो जाती है जब पक्ष और विपक्ष के निशाने पर पत्रकार आ जाते हैं। आज जो घटना पटना में मीडिया कर्मी के साथ घटी है वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है जिस प्रकार से तेज प्रताप के बाउंसर द्वारा मीडिया कर्मी पर हमला हुआ है वह बहुत ही दुखद है। प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार वरिष्ठ फोटोग्राफर रंजन राही फोटो लेने के दौरान उनका पैर तेज प्रताप के गाड़ी के नीचे आ जाता है उन्होंने तेजप्रताप से आग्रह किया अपना गाड़ी पीछे कर ले लेकिन वह नहीं माने और उसी और आपाधापी में कैमरामैन के कैमरे से शीशा टूट गया उसके बाद तेज प्रताप के बाउंसर ने निकलकर मीडिया कर्मी के साथ बहस की और मारपीट की तथा उल्टा ही पीड़ित फोटोग्राफर रंजन राही पर ही एफआईआर दर्ज कर दिया गया जो तेजप्रताप की हीन भावना को दर्शाता है।
तेजप्रताप को नैतिकता के आधार पर पत्रकारों के साथ किए गए अशोभनीय दुर्व्यवहार के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है तो जन अधिकार पार्टी अपने नेताओ और कार्यकर्ताओं के साथ किए गए अशोभनीय व्यवहार के विरोध में प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे जिसका जिम्मेवार सिर्फ तेजप्रताप यादव ही होंगे। तेजप्रताप को ऐसा नहीं करने का खामियाजा लोकसभा से भी विभत्स भुगतना पड़ सकता है।