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स्कूली शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतन शीघ्र दे सरकार: डा सुधाकर। स्नातक और शिक्षक कोटे के विधान पार्षदों पर लगाया शिक्षको को छलने का आरोप
बिहार प्रदेश भाजपा शिक्षक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डा सुधाकर प्रसाद सिंह और प्रवक्ता डा. कुमार संजीव ने राज्य सरकार से अपील की है कि सरकारी स्कूलों में कार्यरत साढ़े चार लाख नियोजित शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतनमान की मांग को यथाशीघ्र स्वीकार करे। अगर शिक्षक की नौकरी सरकार ने दी है तो वेतनमान भी सरकार ही दे। उन्होंने कहा है कि शिक्षक और स्नातक कोटा से निर्वाचित विभिन्न दलों के विधान पार्षदों ने नियोजित शिक्षकों की गरिमा के साथ खिलवाड़ किया है, उनका भविष्य चौपट कर दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार में साढ़े चार लाख नियोजित शिक्षक कार्यरत हैं। इन्हीं के वोट से विधान परिषद में कुल 12 प्रतिनिधि बतौर विधान पार्षद चुने जाते हैं, लेकिन नियोजित शिक्षकों के वोट से जीतने वाले ये सभी 12 विधान पार्षदों ने विधान परिषद में एक बार भी सरकार पर दबाव नहीं बना सके।
डॉ सिंह ने माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदार नाथ पाण्डेय पर तंज कसते हुए कहा कि वे शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतनमान के लिए सरकार पर दबाव बनाने की बजाय छपरा शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए सरकार के मुखिया के साथ समझौता करना ज्यादा मुनासिब समझे। इसी तरह का छल प्रपंच गया, पटना, तिरहुत, छपरा, दरभंगा और कोसी के स्नातक एवं शिक्षक कोटे के विधान पार्षदों ने नियोजित शिक्षकों के साथ किया। अगर ये सभी विधान पार्षद संयुक्त रूप से अगर सरकार पर दबाव बनाते तो स्कूली शिक्षकों के समान काम के लिए समान वेतनमान का मामला सुप्रीम कोर्ट जाता ही नहीं। डॉ सिंह ने बिहार के सभी नियोजित स्कूली शिक्षकों एवं वित्तरहित शिक्षकों से आह्वान किया हो कि वे एकजुट हो कर अपनी लड़ाई लड़ें। उनका साथ नहीं देने वाले जनप्रतिनिधियों का कुर्सी से अपदस्त करने का बीड़ा उठायें। बिहार प्रदेश भाजपा शिक्षक प्रकोष्ट उनके साथ है।