
बिहार ब्रेकिंग

लोकसभा चुनाव के तारीख की घोषणा कर दी गई, साथ ही साथ पूरे देश मे आदर्श आचार संहिता भी लागू कर दी गई। आदर्श आचार संहिता के लागू होते ही पूरे देश और सरकार पर भारतीय चुनाव आयोग का नियंत्रण हो गया। इसी बीच बेगूसराय सीट को लेकर एनडीए दो खेमों में बंटता नजर आ रहा है। खबर है कि बिहार में एनडीए में सीट बंटवारे में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का सीट नवादा इस बार लोजपा के खाते में चले जाने के कारण गिरिराज सिंह का टिकट कटने वाला है। अगर ऐसा हुआ तो बिहार में भाजपा की मजबूत इकाई संभालने वाले गिरिराज एवं समर्थकों में रोष फैल सकता है जिससे एनडीए को घाटा हो सकता है। तो गिरिराज सिंह को खुश करने के लिए संभव है कि उन्हें बेगूसराय सीट से मैदान में उतारा जाए। हालांकि अभी इस मामले में कोई फैसला नहीं आया है और अंतिम फैसला मोदी-शाह को करना है।
बावजूद इसके गिरिराज सिंह के बेगूसराय से चुनाव लड़ने की खबर से जहां एक खेमा खुश है तो वहीं दूसरा खेमा स्थानीय उम्मीदवार की मांग पर अड़ा है। भाजपा के दूसरे खेमे के कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब लगभग तय माना जा रहा है कि विपक्षी दलों के तरफ कन्हैया को बेगूसराय लोकसभा सीट का उम्मीदवार बनाया जाना लगभग तय है फिर इस सीट ओर विजय सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय उम्मीदवार का ही चयन होना चाहिए। अगर स्थानीय उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा गया तो एनडीए को बेगूसराय सीट से हाथ धोना पड़ सकता है।
भाजपा के दूसरे खेमे के अनुसार स्थानीय उम्मीदवार के रूप में बेगूसराय-खगड़िया के वर्तमान एमएलसी रजनीश कुमार को सर्वश्रेष्ठ माना जा रहा है तो वहीं कुछ लोग राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा को मैदान में उतारने की बात कर रहे हैं। वहीं एनडीए के मुख्य घटक दल जदयू भी बेगूसराय सीट पर दावा ठोक सकता है और जदयू के तरफ से जिले के कद्दावर और लोकप्रिय विधायक नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह का नाम भी सामने आ रहा है। मामले में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं जनता का सेवक हूं, कुर्सी का पुजारी नहीं। लोकसभा चुनाव में आलाकमान जिसे चाहे टिकट दें लेकिन वह बेगूसराय का स्थानीय होना चाहिए। अगर उम्मीदवार बेगूसराय का होगा तो हम उसका जीत सुनिश्चित करने में जी जान लगा देंगे लेकिन बाहरी उम्मीदवार को हम बर्दास्त नहीं कर सकते हैं।