
बिहार ब्रेकिंग-रविशंकर

बिहार में बेमौसम बारिश ने किसानों के चेहरे पर परेशानियां ला दी है। बिहार के मोकामा टाल के किसान भी बेवक्त की इस बारिश से काफी परेशान हो चुके हैं। फतुहा से बड़हिया तक फैले मोकामा टाल के किसान दलहन फसलों की खेती पर आश्रित हैं। गुरुवार रात बारिश होने से चिंतित किसानों ने शुक्रवार को अपने खेत में लगी फसलों को देखा। फिलहाल हालांकि कोई बहुत ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है लेकिन यदि बारिश हुई तो किसानों को नुकसान होना तय है।
मोकामा टाल के किसान प्रणव शेखर शाही ने बताया कि 6 साल पहले भी इसी तरह की बेवक्त की बारिश ने किसानों को काफी बड़ा नुकसान दिया था। बेवक्त की बारिश होने से रस्टिंग की समस्या पैदा होती है। दरअसल फसल पकने के कगार पर है। मसूर चना तथा दूसरी दलहनी फसलें पकनी शुरू हो गई है। यदि अब बारिश होगी तो फसल में लगे पौधे और दाने नीचे गिर जाएंगे, जिससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। बेवक्त की बारिश तथा हवा के तेज झोंकों के कारण जब पौधों में लगे फसल के दाने झड़कर नीचे गिरते हैं तो उसे रस्टिंग कहा जाता है। रस्टिंग का कोई उपचार भी नहीं है और इसे रोका भी नहीं जा सकता है। किसानों के सामने सबसे बड़ी परेशानी भी यही है कि यदि लगातार बारिश होगी तो फसल पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। दाल का कटोरा कहे जाने वाले मोकामा टाल के किसान दलहनी फसलों की खेती पर ही आश्रित होते हैं। 60, 000 से अधिक हेक्टेयर में फैले मोकामा टाल की 80 फ़ीसदी से अधिक जमीन पर किसान सिर्फ दलहनी फसलों की खेती ही करते हैं और यदि इस फसल को भी नुकसान हुआ तो किसानों के लिए यह बड़ा संकट साबित होगा।