
बिहार डेस्कः मुजफ्फरपुर बालिका गृह में बहुत हीं घृणित घटना घटी है और पुलिस द्वारा मुस्तैदी से इसकी जांच की जा रही है। सरकार निष्पक्ष जांच के लिए प्रतिबद्ध है, किन्तु एक भ्रम का वातावरण बनाया जा रहा है। भ्रम का वातावरण नहीं रहे, इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और प्रधान गृह सचिव को तत्काल इस मामले को सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया है। हम आपको बताते हैं यौन-शोषण के इस घिनौने खेल की पूरी कहानी।
…और सच सामने आ गया

मुजफ्फरपुर बालिका गृह का सच तब सामने आ गया जब मई 2018 में टाटा इंस्टीच्यूट आॅफ सोशल आॅडिट की टीम ने इस शेल्टर होम की लड़कियों से बातचीत की। बातचीत के बाद यौन-शोषण के घिनौने खेल की पूरी सच्चाई सामने आ गयी। लड़कियों ने जो आपबीती सुनाई उससे पुलिस एक्टिव हुई और शेल्टर होम की जांच की गयी। पुलिस को कुछ सबूत भी हाथ लगे और सबूतों के मिलने पर अपराधियों पर शिकंजा कसना पुलिस ने शुरू किया।
नशे का इंजेक्शन देकर करते थे दुष्कर्म
जांच में यह बात भी सामने आयी कि लड़कियों को क्रूरता की हद तक प्रताड़ित किया जाता था, उनके साथ मारपीट की जाती थी और उन्हें नशे का इंजेक्शन देकर उनके साथ दुष्कर्म किया जाता था। पटना के पीएमसीएच में जब लड़कियों की मेडिकल जांच की गयी तो ये पूरी सच्चाई सामने आयी साथ हीं यह भी सामने आया कि लड़कियों के साथ बेहद क्रूरता से व्यवहार होता था क्योंकि कई लड़कियों के शरीर पर जले के निशान भी मिले हैं। इसी शेल्टर होम में रहने वाली एक लड़की ने बेहद गंभीर आरोप लगाया कि उनकी एक साथी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी और उसे परिसर मे हीं दफन कर दिया गया जिसके बाद परिसर की खुदाई हुई लेकिन कोई सबूत नहीं मिले हांलाकि पुलिस ने वहां की मिट्टी को एफएसएल जांच के लिए भेज दिया है।
एसएसपी ने की पुष्टि शेल्टर होम की ज्यादातर लड़कियों के साथ हुआ बलात्कार
मुजफ्फरपुर स्थित इस शेल्टर होम का नाम ‘बालिका गृह’ है जिसे एनजीओ सेवा संकल्प विकास समिति संचालित करती थी। इस स्वयंस्वी संगठन को सरकारी सहायता भी मिलती थी। 42 लड़कियां इस शेल्टर होम में रह रही थी। मुजफ्फरपुर की एसएसपी हनप्रीत कौर ने पूरे मामले में यह जानकारी दी कि इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की जाएगी और मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार शेल्टर होम मे रहने वाली आधे से ज्यादा लड़कियों के साथ बलात्कार हुए हैं।
पूरे मामले पर विपक्ष सरकार पर हमलावर, सहयोगी दल ने भी उठाये सवाल
इस घटना को लेकर सिर्फ विपक्ष हीं नहीं सरकार के सहयोगी दल भी सरकार पर हमलावर नजर आयी। लोजपा सांसद चिराग पासवान ने इस पूरे मामले को सरकार की विफलता बता दिया वहीं विपक्ष लगातार यह आरोप लगाता रहा कि इस घिनौने कांड को अंजाम देने वाले लोगों को सत्ता का सरंक्षण प्राप्त है। पूव सीएम राबड़ी देवी ने यह आरोप लगाया कि आरोपियों के जेडीयू और सरकारी अफसरों से अच्छे संबंध हैं। पूरे मामले में विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी। सांसद पप्पू यादव ने भी लोकसभा में पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी। सीएम नीतीश कुमार ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के लिए अधिकारियों को निर्देश दे दिए।