
बिहार ब्रेकिंग-सुमित कुमार-बेगूसराय

आशा कार्यकर्ताओं के मांग को लेकर हड़ताल की वजह से बेगूसराय में सोमवार को एक मरीज की जान चली गई। दमा मरीज राजपुर डुमरी निवासी साठ वर्षीय अर्जुन पासवान को दम फूलने की बीमारी थी जो कि सोमवार को ज्यादा हो गया। मरीज की स्थिति गंभीर देख परिजन इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचे जहां आशाकर्मियों के हड़ताल और हंगामे के वजह से इलाज में देरी हुई और मरीज की मौत हो गई। मृतक के परिजनों का आरोप है कि अपने मांगो को लेकर आशाकर्मी हड़ताल पर थे और अस्प्ताल के गेट पर हंगामा कर रहे थे। अपने हड़ताल और हंगामे के बीच आशा कर्मी किसी मरीज को भी अस्पताल के अंदर नहीं जाने दे रहे थे। दमा की बीमारी से ग्रसित मरीज जिंदगी और मौत के बीच अपनी सांसे गिन रहा था लेकिन हड़ताल कर रहे आशाकर्मियों ने मरीज को लेकर जा रही ई रिक्शा को गेट पर करीब आधे घण्टे तक अंदर नहीं जाने दिया। काफी मशक्कत के उपरांत करीब आधे घण्टे बाद जब मरीज को लेकर परिजन अस्प्ताल में दाखिल हुए और डॉक्टरों ने इलाज करना शुरू किया लेकिन कुछ ही मिनटों में मरीज की मौत हो गई। मामले में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ हरेराम ने बताया कि अपने हक की मांग करना जायज है लेकिन उस मांग के कारण किसी की जान चली जाए ऐसा नहीं होना चाहिए। आज आशाकर्मियों के हड़ताल और हंगामे के कारण एक मरीज की जान चली गई लेकिन मैं आशा कर्मियों से अपील करता हूं कि अपनी मांग को लेकर हड़ताल करें लेकिन किसी मरीज के इलाज में बाधा न पहुंचाएं। इधर आशाकर्मियों पर आरोप लगने के बाद बचाव करते हुए आशा कार्यकर्ता संघ अध्यक्ष गीता कुमारी ने आरोप को निराधार बताते हुए कहा कि आशा कार्यकर्ताओं ने इमरजेंसी सेवा के लिए मरीजों के अस्पताल में जाने का रास्ता छोड़ा हुआ था। अस्प्ताल में किसी मरीज की मौत हुई है या नहीं यह मुझे नहीं पता लेकिन हमारे हड़ताल के कारण किसी की जान गई यह आरोप गलत है।