
भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व केन्द्रीय मंत्री व सांसद पद्मश्री डॉ०सी०पी०ठाकुर ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के कार्यालय पर पटना की पुलिस-प्रशासन के द्वारा आधी रात को छापेमारी घोर निंदनीय है। पटना विश्वविद्यालय का ऐतिहासिक गौरवशाली इतिहास रहा है और यहाँ का हर छात्र बहुत संवेदनशील एवं समझदार है। एबीवीपी के उम्मीदवारों को पुलिस-प्रशासन के द्वारा प्रचार करने से रोकना और दबाव एवं आतंकित कर चुनावी प्रक्रिया के बाहर करने की कोशिश एक राजनीतिक साजिश है।

सीपी ठाकुर ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय के सभी छात्र हमारे अपने बच्चे हैं, बिहार के बेटे-बेटियाँ हैं। एबीवीपी के सभी उम्मीदवार मेरे अपने बच्चे की तरह है कोई भी फ्रंटफुट एवं बैकडोर का आदमी उन्हें परेशान करके ज्यादा दिन तक खुश नहीं हो सकता है। मुझे पता चला है कि हमारे इन बच्चों और उनके साथियों को किस तरह पटना ही नहीं जहानाबाद और बिहटा तक पुलिस-प्रशासन के सहारे अपराधियों की तरह परेशान किया जा रहा है। यह एक निर्दोष छात्र को अपराधी घोषित करने की साजिश प्रतीत होती है।
सीपी ठाकुर ने कहा कि छात्रों के चुनाव को राजनीतिक प्रतिष्ठा का प्रश्न नही बनाना चाहिए। लेकिन अगर हमारे इन बच्चों को कुछ हुआ तो; दुसरे लोग मुंह में मुंह मिला कर शांत रह सकते हैं और मुंह में दही जमा कर चुप बैठ सकते हैं लेकिन मैं कतई चुप नहीं रहूँगा। विद्यार्थी परिषद उम्मीदवारों की न सिर्फ छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है बल्कि उन्हें परेशान भी किया जा रहा है।
सीपी ठाकुर ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के छात्रसंघ उम्मीदवार सामाजिक-आर्थिक तौर सामान्य पारिवारिक पृष्ठभूमि से आते है तो इसका मतलब यह नहीं की कोई उनको कमजोर समझे। चाहे कोई धनबल- बाहुबल- जातिवाद-धार्मिकता और सरकारी तंत्र का कितना भी ताकत लगा ले लेकिन हर मेहनतकश परिवार और गाँव-घर का हर ईमानदार छात्र-छात्रा मेरे इन बच्चों को जरुर वोट देगा। मैं भी उनको विजयी होने का आशीर्वाद देता हूँ।