
पटना: मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज रोहतास जिले के करगहर प्रखंड स्थित कुशही गाँव में स्वर्गीय रामायण राय (मुखिया जी) की तीसरी पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी प्रतिमा का अनावरण किया और वहाॅ वृक्षारोपण किया। इस अवसर पर प्राथमिक विद्यालय कुशही के पास आयोजित जनसभा को लेकर बने मंच पर मुख्यमंत्री को गुलदस्ता भेंट कर स्वर्गीय रामायण राय के सुपुत्र एवं मुख्यमंत्री के आप्त सचिव श्री दिनेश कुमार राय ने उनका अभिनंदन किया।

महात्मा गाँधी के प्रिय भजन वैष्णव जन तो तेने कहिये और रघुपति राघव राजा राम की प्रस्तुति कलाकारों द्वारा दी गयी। कुशही गाँव पहुँचने पर स्थानीय नेताओं, जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामवासियों ने मुख्यमंत्री को गुलदस्ता एवं फूलों की माला भेंट कर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले स्व0 रामायण राय जी के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। आज उनकी तीसरी पुण्यतिथि है। तीसरी पुण्यतिथि के अवसर पर यहां उनकी मूर्ति के अनावरण का कार्यक्रम रखा गया और इस कार्यक्रम में मुझे भी बुलाया गया इसके लिये मैं धन्यवाद देता हूं। श्री भगवान सिंह कुशवाहा जी के कहने पर हम इससे पहले करहगर आए थे और स्व0 सूबेदार सिंह कुशवाहा जी की मूर्ति का अनावरण किया था। उन्होंने महाविद्यालय के निर्माण में बड़ी भूमिका निभाई और उसके लिये जमीन भी दी। श्री दिनेश राय जी इन दिनों मेरे कार्यालय में मेरे साथ कार्यरत हैं। उनके पिता स्व0 रामायण राय जी इस इलाके से निर्विरोध मुखिया निर्वाचित होते थे। उन्हें सभी लोगों से गहरा प्रेम था। गांव में आपस में जब कोई विवाद होता था तो उसे सुलझाने के लिए रामायण राय जी को बुलाया जाता था। समाज में उनकी अलग प्रतिष्ठा थी। उन्होंने कहा कि यहां का दृष्य देख कर मुझे काफी प्रसन्नता हो ही है। यहां तालाब हंै और चारो तरफ वृक्ष भी हैं। स्व0 रामायण राय जी का जो प्रकृति से लगाव था इसे जानकर बेहद प्रसन्नता हुई। मैं उनके सुपुत्रों से कहूंगा कि सबलोग इसका पालन कीजिए। सबसे बड़ी बात ये है कि समाज में एकता का भाव रहे जैसा स्व0 रामायण राय जी ने अपने जीवनकाल में सदैव इसका ध्यान रखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी नई पीढ़ी के लोग यहाॅ मौजूद हैं, उनसे कहना चाहॅूगा कि समाज में टकराव पैदा करने की कोषिष हो रही है। सोशल मीडिया के माध्यम से वैमनस्यता फैलाने की कोषिष हो रही है। इनसे सावधान रहने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बापू से हमें प्रेरणा मिली, जे0पी0 और लोहिया जी के विचारों का भी हमपर गहरा प्रभाव पड़ा। मेरे राजनीतिक जीवन में जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के कार्यों का भी असर पड़ा। लोकतंत्र में जनता मालिक है और अगर लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुदृढ़ करना चाहते हैं तो उसमें आपसी प्रेम और सद्भाव का वातावरण बनाना होगा। चाहे किसी भी धर्म के लोग हों, सबको अपने धर्म के मुताबिक अपना धार्मिक रास्ता तय करने का अधिकार है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि एक दूसरे के प्रति हम तनाव का माहौल बनाएं। उन्होंने कहा कि इंसानियत यही कहती है कि एक दूसरे के प्रति लगाव होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधी जी ने सात सामाजिक पापों की चर्चा की थी। इसमें सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत के बिना राजनीति और काम के बिना धन अर्जित करने को पाप कहा गया
है। उन्होंने कहा कि बिहार के सभी स्कूलों में गांधी जी का कथावाचन करवा रहे हैं। हम गांधी जी के विचारों से नई पीढ़ी को अवगत कराना चाहते हैं। गांधी जी के जन्म दिवस का 150वां साल चल रहा है। इसे देशभर में मनाया जा रहा है। दो साल तक हमलोग भी 150वीं जयंती मनाएंगे। उन्होंने कहा कि हमने यह तय कर लिया है कि गांधी जी ने जो कहा है उसे हम जनजन तक पहुंचायेंगे। जितने भी सरकारी कार्यालय हैं सब जगहों पर गाॅधी जी के सात सामाजिक पापों को उल्लेखित करेंगे ताकि सभी पर इसका सकारात्मक असर पड़े। महात्मा गांधी जी ने कहा था कि ये जो धरती है वह आपकी जरुरतों को पूरा कर सकती है लेकिन आपके लालच को नहीं।