
बिहार डेस्क-रविशंकर

बीती देर रात अपराधियों ने गवाह को खत्म करने के लिए गलतफहमी में छोटे की जगह बड़े भाई की गोली मारकर कर दी हत्या। घटना हाथीदह थाना क्षेत्र के ऑटा ग्राम गांव की है। इंद्रजीत जो अपने पिता सुबोध सिंह हत्याकांड का मुख्य गवाह था, गत साल पिता सुबोध सिंह की गोली मारकर हत्या की गई थी। उसे मारने अपराधी आये थे, लेकिन बीती रात दीवाली होने के कारण इंद्रजीत मृतक अमर का कपड़ा पहन कर उसी के विछावन पर सो गया था। परंतु अपराधियों ने बिना देखे अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जिससे अमर कुमार की मौत घटना स्थल पर ही हो गई। लेकिन गोलियों की आवाज से जागे परिजनों ने चार लोगों को पहचान लिया और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। कुल आठ चक्र गोलियाँ चलाई गई जिसमें 6 खोखे भी परिजनों ने बरामद की है। सुबोध सिंह हत्याकांड के वक्त छोटा भाई इंद्रजीत को भी गोली लगी थी और आज भी गोली इंद्रजीत की हत्या करने के उद्देश्य से छत पर चढ़कर सोए अवस्था में चलाई गई थी। परंतु बिछावन की अदला बदली के कारण बड़े भाई अमरजीत को गोली लग गई, जिसमें अमरजीत की हुई मौत हो गई। पुलिस ने लाश का पोस्टमार्टम कराने के लिए कब्जे में ले लिया है। जबकि परिजन मोकामा हाथीदह मुख्य मार्ग और NH31 को जाम कर दिया और इंद्रजीत तथा अन्य परिजनों के सुरक्षा और आर्थिक मदद की माँग करने लगे। मौके पर कई थाने की पुलिस कैम्प कर रही है और जाम छुड़ाने के प्रयास में हैं। जाम में आम लोगों के अलावा बौद्ध भिक्षुओं का राजगीर जा रहा एक जत्था भी घंटों से फंसा हुआ है। ग्रामीणों ने कहा कि पुलिस की लापरवाही से हत्या हुई है, इंद्रजीत को19 नवंबर को बाढ़कोट में देने की गवाही देनी थी। इसलिए उसे मारने आये थे अपराधी। परंतु इंद्रजीत की जगह एक मात्र कमाई करने वाला परिवार का सदस्य अमर मारा गया। आपको बता दें कि अब मुख्य गवाह इंद्रजीत के जान को गंभीर खतरा है, वही तीन तीन बहनों के शादी और जीवन यापन का बोझ भी। जबकि उसके पास अमर के अंतिम क्रिया क्रम के पैसे भी नही है। इसी कारण ग्रामीण और परिजन मुआवजे एवं नौकरी की माँग कर रहे हैं।