
बिहार ब्रेकिंगः बिहार की सियासत के लिए अब तक का सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या उपेन्द्र कुशवाहा सीटों पर समझौते के लिए बिहार की सत्ता में हिस्सेदारी चाहते हैं? क्या उपेन्द्र कुशवाहा बिहार की सत्ता में भागीदारी की कीमत पर सीटों की संख्या से समझौता करेंगे? दिल्ली से खबर आ रही है कि रालोसपा अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा और भाजपा प्रभारी भूपेन्द्र यादव के बीच मुलाकात हुई है। यह स्पष्ट रूप से बाहर नहीं आ सका कि इस मुलाकात में क्या बात हुई है लेकिन कयास यही है कि सीटों पर बात नहीं बनी है। दरअसल उपेन्द्र कुशवाहा चाहते हैं कि उन्हें एनडीए में नीतीश कुमार के बराबर तरजीह दी जाए। यही नहीं सीटों की संख्या भी उसी हिसाब से हो जो कि मौजूदा वक्त में संभव नहीं दिखता। सियासत के हालात बीजेपी को यह इजाजत कतई नहीं देती कि वो नीतीश कुमार की कीमत पर उपेन्द्र कुशवाहा को तरजीह दे। जदयू को अपने बराबर सीटें देने के एलान करके बीजेपी ने यह साफ भी कर दिया है कि बीजेपी और एनडीए को नीतीश का फेस पसंद है। जाहिर है उपेन्द्र कुशवाहा के सामने दो हीं रास्ते हैं या तो बीजेपी जो सीटें उन्हें देती हैं उसमें वे खुश रहें या फिर महागठबंधन सरीखे दूसरे राजनीतिक खेमे का रूख करें। मामला बस कन्फयूजन का है। उपेन्द्र कुशवाहा शायद यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि फायदा कहां है। हांलाकि अब यह भी कयास लगने लगे हैं कि उपेन्द्र कुशवाहा कम सीटों पर मान भी जाएंगे लेकिन बिहार की सत्ता में हिस्सेदारी की मांग कर सकते हैं। यानि नीतीश मंत्रिमंडल के विस्तार में अपने कुछ विधायकों के लिए मंत्री पद की मांग कर सकते हैं।
तेजस्वी यादव से भी मिल चुके हैं कुशवाहा
माना ये जा रहा है कि कुशवाहा अमित शाह और नीतीश कुमार के 50-50 यानी बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने के फार्मूले से खुश नहीं हैं।बीजेपी जितनी सीटें कुशवाहा को दे रही है उससे कुशवाहा संतुष्ट नही हैं।बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और जेडीयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार की बराबर सीटों पर लड़ने की घोषणा के बाद बिहार के अरवल में कुशवाहा और तेजस्वी यादव के बीच मुलाकात भी हुई थी. तेजस्वी ने मुलाकात के बाद कहा था कि उन्होंने कई मौके पर कुशवाहा को महागठबंधन में आने का न्योता दिया है. कुशवाहा ने हालांकि इस मुलाकत को महज संयोग बताया था.
