
बिहार ब्रेकिंगः अपराधियों से लड़ते हुए अपनी जान कुर्बान करने वाले दारोगा आशीष कुमार की अंतयेष्ठि राजकीय सम्मान के साथ हुई। लेकिन अपनी शहादत से शौर्यगाथा लिखने वाले इस सपूत की अंतयेष्ठि से जिले के वरीय अधिकारी नदारद रहे।
पैतृक गांव में हुई अंतयेष्ठि
अपराधियों से मुठभेड़ में शहीद हुए दारोगा आशीष की अंत्येष्टि रविवार की सुबह उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ संपन्न हुई। शहीद दारोगा सहरसा के सिमरीबख्तियारपुर स्थित बलवाहाट ओपी क्षेत्र के सरोजा गांव के रहने वाले थे। शहीद को मुखाग्नि उनके नन्हे पुत्र शौर्य ने दी। इस दौरान जिले के वरीय अधिकारियों की अनुपस्थिति से इलाके में आक्रोश का माहौल है।सहरसा का सरोजा गांव दो दिनों से गम में तो डूबा हुआ है। उसे अपने छोटू (आशीष) की शहादत पर नाज भी है। शुक्रवार देर रात को खगडिया जिले में अपराधियों से लोहा लेते हुए आशीष शहीद हो गए थे।

04 सितंबर, 2017 को आशीष ने खगडिया जिले के पसराहा थानाध्यक्ष के रूप में योगदान दिया था। नवरात्र में मिली इस दुखद सूचना से गांव का हर चेहरा गमगीन है। रविवार को इस गम में तब प्रशासन के खिलाफ आक्रोश भी घुल गया, जब शहीद के अंतिम संस्कार में जिला का कोई वरीय अधिकारी नहीं पहुंचा। अंतिम संस्कार के वक्त केवल सिमरीबख्तियारपुर की एसडीपीओ मृदुला कुमारी उपस्थित रहीं।