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ऐतिहासिक अंग प्रदेश भागलपुर आज 252 साल का हो गया लेकिन पहली बार भागलपुर जिले का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है, जिलाधिकारी के पहल पर कला संस्कृति विभाग की ओर से टाउन हॉल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, 252 साल पहले अंगप्रदेश को भागलपुर नाम मिला था लेकिन यह अंगप्रदेश के नाम से हजारों वर्षों से जाना जा रहा है, टाउन हॉल में आज सांस्कृतिक कार्यक्रम में बच्चीयों ने अपने कलाकारी से अंग की संस्कृति को दर्शाया, कार्यक्रम की शुरुआत सांसद ,मेयर ,जिलाधिकारी, एसपी समेत अन्य अधिकारियों जन प्रतिनिधियों ने दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया,
जिलाधिकारी ने मंच से भागलपुर को लेकर कहा कि भागलपुर चंपानगरी और अंगप्रदेश सिल्क सिटी के नाम से प्रसिद्ध है, यह वो धरती है जहां के राजा ने अंगदान कर दिया था जब यह परंपरा नही थी भागलपुर में शुरुआत करने की बड़ी परंपरा रही है, भले हमारी स्थापना 1773 में हुई हो लेकिन हमारी संस्कृति हजारों वर्ष पुरानी है, संस्कृति को यहां के लोगों ने संजो कर रखा है, मंजूषा पेंटिंग बिहुला विषहरी गाथा है, इस जिला के हृदय से मां गंगा गुजरती है, झारखंड और आसपास के कई जिले यहां के अनुमंडल हुआ करते थे बांका मुंगेर यहां का अनुमंडल हुआ करता था, बाबा बटेश्वर स्थान के पास सिर्फ सवा हाथ जमीन घट गई थी जिससे यह काशी विश्वनाथ बनते रह गई, यहां का विक्रमशिला विश्वविद्यालय शिक्षा का केंद्र हुआ करता था, सुल्तानगंज में उत्तर वाहिनी गंगा की प्रवाह होती है। इसके साथ ही सांसद अजय मंडल ने भागलपुर के इतिहास के बारे में बताया उन्होंने बताया कि अंग प्रदेश का वर्णन कई पुराने में है चाहे वह महाभारत हो गरुड़ पुराण हो शिव पुराण हो।