
बिहार ब्रेकिंगः केन्द्र सरकार के साक्षर भारत कार्यक्रम के लिए काम कर रहे तकरीबन 18 हजार संविदाकर्मियों की नौकरी चली गयी है। वे अचानक सड़क पर आ गये हैं। हांलाकि राज्य सरकार उनके जख्मों पर मरहम जरूर लगा रही है।
क्या है पूरा मामला
केन्द्र प्रायोजित साक्षर भारत कार्यक्रम के अंतर्गत बिहार में करीब 18 हजार संविदाकर्मी काम कर रहे थे। बिहार के हर पंचायत में दो-दो प्रेरक, हर प्रखंड में एक- एक आइटी समन्वयक और कार्यक्रम समन्वयक और हर जिले में एक- एक मुख्य कार्यक्रम समन्वयक, कार्यक्रम समन्वयक, लेखा समन्वयक और आइटी समन्वयक संविदा पर काम कर रहे थे। बिहार सरकार के जन शिक्षा के निदेशक विनोदानंद झा ने मंगलवार को एक पत्र जारी किया है। इस पत्र के मुताबिक 1-4-2018 से भारत साक्षर योजना को समाप्त कर दिया गया है। इस लिए इन सभी संविदाकर्मियों की सेवा स्वतरू समाप्त होने की सूचना दी गयी है। इसके पहले 2 अगस्त 2018 को आदेश दिया गया था कि ये संविदाकर्मी अपना प्रभार निर्देशित कर्मियों को सौंप दें। इनके बकाये के भुगतान के लिए भी संबंधित जिला स्तर के अधिकारियों को पत्र लिखा गया था। 31 मार्च 2018 तक कार्यरत संविदाकर्मियों का मानदेय लंबित था।
राज्य सरकार लगा रही मरहम
साक्षर भारत कार्यक्रम में केन्द्र और राज्य को मिल कर मानदेय देना था। जब केन्द्र से पैसा नहीं मिला तो राज्य सरकार ने अपने स्तर से पैसा भुगतान करने का फैसला लिया। बिहार सरकार ने कुल मानदेय की 90 फीसदी राशि राज्यकोष से देने के लिए आदेश दे दिया है। इसके लिए 59 करोड़ 60 लाख की राशि जारी कर दी गयी है। जनशिक्षा निदेशक ने आदेश दिया है कि दशहरा के पहले तक बकाया का भुगतान कर दिया जाए।
