
-अनुभव

एकबार फिर हिंदुस्तान को बांटने की साजिश हो रही है। बिहारी क्या, मराठी क्या, पंजाबी क्या, गुजराती क्या ,बंगाली और असामी क्या। हमें हमेशा ख्याल रखना होगा कि हम सबसे पहले हिंदुस्तानी हैं।महाराष्ट्र, दिल्ली, असम और कुछ अन्य राज्यों के बाद गुजरात से उत्तर भारतीयों को भगाया जा रहा है।
28 सितंबर को गुजरात के साबरकांठा जिले में 14 माह की मासूम बच्ची के साथ बलात्कार की शर्मनाक घटना होती है। इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए वह कम है। जिस किसी ने भी इस घटना को अंजाम दिया है, वह इंसान नहीं हो सकता। निश्चित रूप से वह कोई हैवान रहा होगा। इस घटना का आरोप बिहार निवासी एक मजदूर पर लगा है। और फिर उत्तर भारतीय, हिंदी भाषी लोगों का विरोध गुजरात में प्रारंभ हो गया। मैं यह नहीं कहता कि आरोपी बिहारी मजदूर ने इस घटना को अंजाम नहीं दिया होगा या नहीं दे सकता। यह जांच का विषय है और गुजरात पुलिस अपना काम कर रही है। लेकिन एक वहशी दरिंदे की सजा पूरे हिंदी भाषियों को देना कहां का न्याय है ? कोई कह सकता है कि ऐसा कौन सा प्रदेश है जहां इस प्रकार के हैवान नहीं रहते हैं ?
गुजरात का इतिहास रहा है कि गुजराती मेहमाननवाजी में अव्वल रहे हैं। पूरे विश्व में गुजरातियों की मेहमान नवाजी प्रसिद्ध रही है। कहा जाता है की गुजराती भाई सबों को अपना बना लेते हैं।
तो फिर आखिर यह हो क्या रहा है ? गुजरात के साबरकांठा, सुरेंद्रनगर, मेहसाणा, गांधीनगर,आहमदाबाद सहित कुछ अन्य जिलों में उत्तर भारतीयों पर हमले हो रहे हैं। लोगों के साथ मारपीट की जा रही है, उन्हें गुजरात से चले जाने, अन्यथा बुरे अंजाम की धमकी दी जा रही है। राजनीतिक दल अपनी-अपनी रोटी सेंकने में लगे हैं। कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर पर लोगों को भड़काने का आरोप लगा है। सोशल मीडिया के माध्यम से भी उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के लिए नफरत भरे संदेश फैलाए जा रहे हैं। कांग्रेस ने इस हिंसा के लिए भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेवार ठहराया है, आखिर राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार जो है।ऐसे में सरकार पर उंगली तो उठेगी ही। कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धमकी भरे लहजे में कह दिया है कि, याद रखें कि उन्हें भी वाराणसी जाना है। अल्पेश ठाकुर बिहार कांग्रेस के सह प्रभारी हैं और बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल भी गुजरात से ही ताल्लुक रखते हैं। शक्ति सिंह गोहिल ने आरोप लगाया है कि सारे फसाद की जड़ भारतीय जनता पार्टी है। वहीं राजद नेता तेजस्वी यादव ने इस पूरे मामले में प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल खड़े किए हैं। दूसरी ओर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी से इस मामले में बात किया है और बिहार के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने स्थानीय लोगों से शांति और उत्तर भारतीयों से वापस लौटने की अपील की है।एक अनुमान के मुताबिक गुजरात में करीब पचास हजार से अधिक बिहारी विभिन्न प्रकार के रोजगार में लगे हैं,उनमें से बीस हजार से अधिक बिहारी परिवार के लौटने का अनुमान है।और भी लोगों का निरंतर वापस लौटना जारी है।
देश की अखंडता का ख्याल रखना राज्य और केंद्र सरकार दोनों की जिम्मेवारी है।देश की अखंडता का ख्याल रखना देश के हर एक नागरिक की जिम्मेदारी है।हम सबसे पहले एक हिंदुस्तानी हैं,बिहारी और गुजराती बाद में हैं।पूरे देश में कहीं भी आना, जाना, रोजगार करना और वहाँ की सम्पदा का इस्तेमाल करना हमारा अधिकार है।