बिहार ब्रेकिंगः सुप्रीम कोर्ट के एक निर्देश को लेकर बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी लालू यादव पर बड़ा हमला बोला है। सुशील मोदी ने लालू यादव दागी छवि वाले लोगों को जनप्रतिनिधि बनाकर राजनीति का अपराधीकरण करने का आरोप लगाया है और सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश को लालू के लिए बड़ा झटका बताया है। सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा कि ‘शहाबुद्दीन, राजबल्लभ और रीतलाल यदव से लेकर अबू दोजाना तक दागी पृष्ठभूमि के दर्जनों लोगों को जन प्रतिनिधि बनाकर राजनीति का अपराधीकरण करने वाले लालू प्रसाद के लिए सुप्रीम कोर्ट का ताजा निर्देश बड़ा झटका है। वे चारा घोटाला के चार मामलों में सजायाफ्ता होने के कारण खुद तो मुखिया का चुनाव लड़ने लायक नहीं हैं, अब बेनामी सम्पत्ति और रेलवे के होटल के बदले जमीन लेने और भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी उनके परिवार के सदस्यों को उम्मीदवार बनने पर सारे मामलों की जानकारी चुनाव आयोग के साथ तीन बार विज्ञापन देकर जनता को भी देनी होगी। अब राबड़ी देवी, तेजस्वी और तेजप्रताप यादव को बताना होगा कि उनके खिलाफ कौन-कौन से मामले चल रहे हैं।’
क्या है सुप्रीम कोर्ट का निर्देश?
राजनीति में अपराधीकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बेहद अहम निर्देश जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव लड़ने से पहले प्रत्येक उम्मीदवार को अपना आपराधिक रिकार्ड निर्वाचन आयोग के समक्ष घोषित करना चाहिए। कोर्ट ने राजनीतिक दलों को भी यह निर्देश दिया कि वे अपने उम्मीदवारों के सबंध में सभी जानकारी अपनी बेवसाइट पर डालें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नागरिकों को अपने उम्मीदवारों का रिकार्ड जानने का अधिकार है।कोर्ट ने राजनीतिक दलों से जुड़े उम्मीदवारों के रिकॉर्ड का प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रचार करने का निर्देश भी दिया. कोर्ट ने राजनीति के अपराधीकरण पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों का यह दायित्व है कि वे यह तय करें कि राजनीति में आपराधिक बैकग्राउंड वाले लोगों का प्रवेश बंद हो. इसके लिए कोर्ट ने संसद से कानून बनाने पर विचार करने को कहा. कोर्ट ने उम्मीद जाहिर की कि एक दिन ऐसा आयेगा जब राजनीति में अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं होगी.
