बिहार ब्रेकिंगः बिहार के संविदाकर्मियों के लिए बुरी खबर है उनके नियमतिकरण का काम अधर में लटक गया है। विभागीय लेटलतीफी की वजह से मामला आगे नहीं बढ़ पा रहा है। बिहार के करीब पांच लाख संविदाकर्मियों का भविष्य भी इस लेटलतीफी की वजह से अधर में लटका है। जानकारी के मुताबिक इस मामले में अगस्त को उच्चस्तरीय समिति ने मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। अब तक तो सरकार नियमितीकरण को लेकर काफी आगे बढ़ गयी होती। मगर कुछ विभागों के कारण काम लटका हुआ है।बताया जा रहा है कि उद्योग, कृषि, राजस्व व स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक अपने-अपने यहां संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों का पूरा ब्योरा नहीं भेजा है। इसके कारण मामला आगे नहीं बढ़ पा रहा है। ऐसे में उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट में कुछ संविदाकर्मी शामिल नहीं हो पाये। सीएम ने छूटे हुए कर्मचारियों का ब्योरा शामिल करते हुए रिपोर्ट की मांग की है। जो देरी नहीं होनी चाहिए थी, वह हो रही है। इसमें न तो उच्चस्तरीय समिति का कोई दोष है और न ही संविदाकर्मियों का। उम्मीद है कि एक महीने के अंदर ब्योरा जुटाकर अपनी रिपोर्ट दे देगी।

सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने सभी विभागों के प्रधान सचिवों व सचिवों को 19 मई 2015 को पत्र लिखा था। सामान्य प्रशासन विभाग ने उच्च स्तरीय समिति को संविदा पर पांच लाख संविदाकर्मियों से संबंधित तमाम जानकारियां मांगी थीं। इस पत्र में 20 बिंदुओं पर सभी विभागों से जानकारी मांगी गयी। लगभग सभी विभागों ने इस संबंध में जानकारी दी मगर उद्योग विभाग ने इंडस्ट्रियल कॉरपोरेशन, कृषि विभाग ने जल छाजन, राजस्व विभाग ने भूदान यज्ञ कमेटी और स्वास्थ्य विभाग ने संविदा पर तैनात नर्सों का ब्योरा नहीं दिया था।उच्च स्तरीय समिति की ओर से उद्योग, कृषि, स्वास्थ्य व राजस्व विभाग से ब्योरा की मांग की जा रही है। अनुमान है कि इसी रिपोर्ट जल्द ही सौंप दी जाएगी। संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भी इसकी तैयारी शुरू कर दी है। समय से अगर इन विभागों ने ब्योरा दे दिया होता तो नियमितीकरण में लेटलतीफी भी नहीं होती।