
बिहार ब्रेकिंगः यात्रा पर निकलते वक्त अक्सर आपको ‘हैप्पी जर्नी’ की शुभकामनाएं मिलती है लेकिन हम बता रहे हैं कि अगर आप बिहार में इन जगहों की यात्रा पर निकल रहे हैं और यात्रा का विकल्प आपने रेल को चुना है तो फिर आपकी जर्नी हैप्पी नहीं होगी क्योंकि आपकी परेशानी बढ़ सकती है। बिहार में 43 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है और 36 ट्रेनों के रूट बदल दिये गये हैं।
क्यों हो सकती है रेल यात्रियों को परेशानी
दरअसल मालदा रेल मंडल के जमालपुर स्टेशन पर अत्याधुनिक सेंट्रलाइज्ड रूट रिले इंटरलॉकिंग (सीआरआरआई) के अंतिम चरण का नॉन इंटरलॉकिंग काम गुरुवार से शुरू हो गया. यह काम 29 सितंबर तक चलेगा. इस कारण भागलपुर-किऊल रेलखंड में ट्रेनों का परिचालन बाधित रहेगा. 29 सितंबर तक जमालपुर पहुंचने वाली 17 एक्सप्रेस व 26 पैसेंजर ट्रेनें रद्द रहेंगी.38 ट्रेनें बदले हुए रूट से चलेंगी. 12 जोड़ी ट्रेनें शॉर्ट टर्मिनेट होंगी, जबकि छह जोड़ी ट्रेनें बगैर जमालपुर पहुंचे आसपास के स्टेशनों से ही लौट जायेंगी. वहीं उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाली विक्रमशिला सेतु में आयी गड़बड़ी को ठीक करने के कारण 28 सितंबर से 15 अक्तूबर तक वाहनों का परिचालन बंद रहेगा. एक तरफ ट्रेन, तो दूसरी तरफ बस के रूट बाधित होने से बाजार में भागलपुर और उसके आसपास महंगाई के साथ ही दूध-सब्जी की आपूर्ति पर भी असर पड़ेगा.कोसी-पूर्व बिहार के के लिए संजीवनी जेएलएनएमसीएच (मेडिकल कॉलेज-अस्पताल) तक पहुंचने में लोगों को परेशानी होगी. दवा कारोबार पर भी असर पड़ेगा. इधर निजी वाहन चालकों की मनमानी बढ़ गयी है. बस भाड़े में भी अघोषित बढ़ोतरी कर दी गयी है. रेल और सड़क मार्ग बाधित रहने के कारण बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के हजारों यात्रियों को सीधे तौर पर परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. जमालपुर में लगभग 1.20 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक सीआरआरआई का काम किया जा रहा है. रेलवे के उप मुख्य अभियंता (निर्माण) जितेंद्र कुमार ने बताया कि ईस्ट, वेस्ट और लिंक केबिन के क्षेत्राधिकार में डिसमेंटल कार्य को लगातार जारी रखा जायेगा. इस क्रम में करीब 150 सिग्नल एंड टेलीकॉम विभाग के कर्मचारियों सहित 400 से अधिक मानव बल 24 घंटे कार्य को अंजाम देंगे.
