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गया में पितृपक्ष मेला शुरू होने वाला है और इसकी तैयारी में जिला प्रशासन जोरशोर से लगी हुई है। कोरोना की वजह से दो वर्षों बाद आयोजित हो रही पितृपक्ष मेले में पिंडदानियों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो इसे लेकर विष्णुपद मंदिर समिति के सदस्य, शहर के गणमान्य बुद्धिजीवी, शांति समिति के सदस्य एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों की बैठक समाहरणालय के सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक में आपत्ति जताई गई कि पिंडदान के लिए लाखों लोगों की भीड़ आती है और लोग पैदल चलकर मंदिर तक पहुंचते हैं। परंतु इस अवधि में वीआईपी पास वाले लोग भीड़ भरे संकड़े रास्ते में गाड़ी से जाते हैं जिससे पैदल लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है अतः पितृपक्ष मेले में वीआईपी पास की व्यवस्था बंद कर दी जानी चाहिए।
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बैठक में सदस्यों के बीच आम सहमति बनी और सदस्यों ने कहा कि वीआईपी वाहनों को पास को दिए जाने की प्रथा को बंद किया जाना चाहिए ताकि इस क्षेत्र को प्रदूषण रहित, नो हार्म जोन, नो पोलूशन जोन, नो व्हीकल जोन बनाया जा सके। बैठक में सहमति व्यक्त की गई कि सभी लोग आम आदमी की तरह चांद चौराहा एवं बंगाली आश्रम में अपनी गाड़ी छोड़कर मंदिर तक एवं घाट तक पैदल जाएं एवं यदि वृद्धजन एवं दिव्यांगों जरूरतमंदों के लिए ई रिक्शा की व्यवस्था की जानी चाहिए एवं आवश्यकता अनुसार ई-रिक्शा से मंदिर तक जा सके। इस हेतु प्रशासन के द्वारा प्रतिबंधित क्षेत्र के नजदीक लगभग 700 गाड़ियों के लिए कोलरा हॉस्पिटल में वाहन पार्किंग बनाया जा रहा है।
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बैठक में इस बात पर भी सहमति व्यक्त की गई कि प्रशासन के लोग भी चांद चौरा एवं बंगाली आश्रम पर उतर कर पैदल ही आम आदमी की तरह विष्णुपद मंदिर जाएं। इन प्रतिबंधित क्षेत्रों में जरूरतमंदों के लिए जिला परिवहन कार्यालय के द्वारा निःशुल्क ई रिक्शा की सेवा मेला अवधि तक प्रदान किया जाएगा।