
जल संसाधन मंत्री ने की प्रदेश की नदियों के जलस्तर और विभाग की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा। गंगा और कोसी के बढ़े जलस्तर के मद्देनजर विभाग की टीमों को अलर्ट पर रहने के दिये निर्देश। बिहार में जून से अब तक सामान्य से 39 प्रतिशत कम बारिश, नहरों में पानी की उपलब्धता के लिए विभाग तत्पर
बिहार ब्रेकिंग

गंगा और कोसी नदी के बढ़े जलस्तर के मद्देनजर बाढ़ से सुरक्षा के लिए जल संसाधन विभाग के मुख्यालय के सभी अधिकारियों और फील्ड में तैनात टीमों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिये गये हैं। जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने मंगलवार को प्रदेश की विभिन्न नदियों के जलस्तर और बाढ़ से सुरक्षा की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिये। उन्होंने तटबंधों की सुरक्षा के लिए विभाग की टीमों द्वारा रात में की जा रही गश्ती की जीपीएस लोकेशन के साथ रीयल टाइम तस्वीर मुख्यालय भेजना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं, ताकि मुख्यालय से उसकी निगरानी की जा सके और वरीय अधिकारियों द्वारा आवश्यकतानुसार जरूरी निर्देश दिये जा सकें।
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नेपाल और उत्तर प्रदेश के जलग्रहण क्षेत्रों और बिहार के कुछ जिलों में बारिश के कारण गंगा और कोसी नदी का जलस्तर कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। इसके मद्देनजर जल संसाधन विभाग के अधिकारी एवं अभियंता अलर्ट हैं और मुख्यालय से वरीय अधिकारियों द्वारा निरंतर अपडेट लिया जा रहा है। विभाग के अंतर्गत आने वाले तटबंधों पर रात्रि गश्ती और किसी भी खतरे की स्थिति में त्वरित कार्रवाई में मदद करने के लिए हर किलोमीटर पर एक स्थानीय प्रहरी की तैनाती की गई है। साथ ही संवेदनशील स्थलों पर बाढ़ सुरक्षात्मक सामग्रियों का पर्याप्त मात्रा में भंडारण किया गया है। इन सब की अलग-अलग मॉनीटरिंग के लिए व्हाट्सएप ग्रुपों का निर्माण किया गया है, जिसमें फील्ड के अधिकारी अहले सुबह से लेकर देर रात तक जीपीएस लोकेशन के साथ रीयल टाइम फोटो भेजते हैं। मुख्यालय से वरीय अधिकारी उस पर जरूरी निर्देश देते हैं। जल संसाधन मंत्री श्री संजय कुमार झा भी इन ग्रुपों से जुड़े हैं और नियमित रूप से जरूरी निर्देश दे रहे हैं।
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बिहार में गंगा नदी का जलस्तर अधिकतर स्थानों पर बढ़ रहा है। गंगा का जलस्तर मंगलवार सुबह बक्सर, दीघा, हाथीदह, गांधी घाट (पटना) और कहलगांव (भागलपुर) में खतरे के निशान से ऊपर दर्ज हुआ है। बक्सर में जलस्तर 60.62 मीटर (डेंजर लेवल 60.32 मीटर), दीघा में 50.61 मीटर (डेंजर लेवल 50.40 मीटर), हाथीदह में 42.42 मीटर (डेंजर लेवल 41.76 मीटर), गांधी घाट में 49.49 मीटर (डेंजर लेवल 48.60 मीटर), कहलगांव में 31.59 मीटर (डेंजर लेवल 31.09 मीटर) दर्ज किया गया है।
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उधर, बीरपुर (सुपौल) स्थित कोसी बराज पर मंगलवार सुबह 8 बजे 1 लाख 35 हजार क्यूसेक जलस्राव दर्ज हुआ। कोसी बराज से इस साल अधिकतम जलस्राव गत 3 अगस्त को 2 लाख 35 हजार क्यूसेक दर्ज हुआ था। कोसी नदी का जलस्तर भी अधिकतर स्थानों पर बढ़ रहा है। कोसी का जलस्तर मंगलवार सुबह बसुआ, बलतारा और कुरसेला में खतरे के निशान से ऊपर दर्ज हुआ है। बसुआ में जलस्तर 48.75 मीटर (डेंजर लेवल 47.75 मीटर), कुरसेला में 30.57 मीटर (डेंजर लेवल 30.00 मीटर), बलतारा में 34.20 मीटर (डेंजर लेवल 33.85 मीटर) दर्ज हुआ। गंडक नदी का जलस्तर भी अधिकतर स्थानों पर बढ़ रहा है। गंडक का जलस्तर मंगलवार को डुमरिया घाट, गोपालगंज में खतरे के निशान से ऊपर दर्ज हुआ है। डुमरिया घाट में सुबह का जलस्तर 62.34 मीटर (डेंजर लेवल 62.22 मीटर) दर्ज हुआ है।
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कुछ जिलों में बाढ़ का खतरा तो कुछ जिलों में अल्प वृष्टि से चिंता
बिहार में एक जून से 29 अगस्त के बीच कुल 466.2 एमएम बारिश हुई है, जबकि मॉनसून सामान्य रहने पर 762.5 एमएम बारिश होनी चाहिए थी। इस तरह राज्य में इस वर्ष मॉनसून सीजन में सामान्य से 39 प्रतिशत कम बारिश हुई है। राज्य में अल्प वृष्टि से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर जल संसाधन विभाग के अधिकारी एवं अभियंता सभी नहरों में अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने के लिए तत्परता से कार्य कर रहे हैं।